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भारतीय कृषि क्षेत्र: चुनौतियाँ, सुधार और भविष्य की राह

  • भारत में कृषि (Agriculture) केवल एक आर्थिक गतिविधि नहीं है, बल्कि जीवन का एक तरीका (Way of Life) है।
  • कृषि क्षेत्र भारत की कुल कार्यबल (Workforce) का 45% से अधिक रोजगार देता है और 2022–23 के अनुसार NSO (National Statistical Office) के अनुमानों के अनुसार 18.2% सकल मूल्य वर्धन (Gross Value Added - GVA) में योगदान करता है।
  • आज यह क्षेत्र प्रौद्योगिकी परिवर्तन (Technological Disruptions), जलवायु परिवर्तन (Climate-related Challenges), और बाजार अक्षमताओं (Market Inefficiencies) जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है।
  • भविष्य के लिए भारतीय कृषि को तैयार करने के लिए सुधारों (Reforms), नवाचार (Innovation) और निवेश (Investment) की अत्यंत आवश्यकता है।

वर्तमान स्थिति: प्रमुख तथ्य (Current Scenario: Key Facts)

  • GVA में योगदान (2024–25): लगभग 16%
  • कृषि कार्यबल (Agricultural Workforce): भारत की जनसंख्या का 45% से अधिक
  • भूमि स्वामित्व (Land Holdings): 86% किसान छोटे और सीमांत (Small and Marginal Farmers, <2 हेक्टेयर) हैं।
  • सिंचाई पर निर्भरता (Irrigation Dependence): लगभग 51% खेती अब भी वर्षा पर निर्भर है।
  • फसल उप-क्षेत्र में गिरावट (Decline in Crop Sub-sector): 2011–12 में 62.4% से घटकर 2022–23 में 54.3%।

भारतीय कृषि की प्रमुख चुनौतियाँ (Major Challenges in Indian Agriculture)

यंत्रीकरण की कमी (Low Mechanization)

  • भारतीय कृषि का केवल 47% हिस्सा यंत्रीकृत (Mechanized) है।
  • तुलना में:
    • चीन (China): 60%
    • ब्राज़ील (Brazil): 75%
  • परिणाम:
    • कम उत्पादकता (Low Productivity)
    • अधिक श्रमिक निर्भरता (High Labour Dependency)
    • उच्च लागत अक्षमता (Cost Inefficiencies)

अपर्याप्त सिंचाई ढाँचा (Inadequate Irrigation Infrastructure)

  • भारत की आधी से अधिक कृषि भूमि अब भी मानसून वर्षा (Monsoon Rainfall) पर निर्भर है।
  • जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के कारण अस्थिर वर्षा (Erratic Rainfall) से अक्सर सूखा (Drought) और बाढ़ (Flood) आते हैं, जिससे पैदावार प्रभावित होती है।

अनुसंधान एवं विकास (R&D) में कम निवेश

  • भारत कृषि GDP का केवल 0.4% R&D में निवेश करता है, जबकि:
    • इज़राइल (Israel): 4.3%
    • चीन (China): 1.5%
  • परिणामस्वरूप, नई और जलवायु-अनुकूल तकनीकों (Climate-resilient Technologies) का विकास और प्रसार बाधित होता है।

कोबवेब घटना और मूल्य अस्थिरता (Cobweb Phenomenon & Price Volatility)

  • किसान अक्सर बाजार के असंतुलन (Market Mismatch) से पीड़ित होते हैं:
    • अधिक उत्पादन → कीमत गिरती है → नुकसान → अगले सत्र में कम उत्पादन → कीमत बढ़ती है (यह चक्र चलता रहता है)।
  • मुख्य कारण:
    • अपर्याप्त भंडारण (Inefficient Storage)
    • कमजोर बाजार संपर्क (Weak Market Linkages)
    • रीयल-टाइम मूल्य जानकारी की कमी (Lack of Real-time Price Information)

भूमि का विखंडन (Fragmented Land Holdings)

  • छोटी-छोटी जोतें आधुनिक तकनीक (Modern Technology) अपनाने और आर्थिक विकास  Economies of Scale) हासिल करने में बाधा डालती हैं।

ऋण तक सीमित पहुँच (Limited Access to Credit)

  • कई छोटे किसान अनौपचारिक ऋण स्रोतों (Informal Credit Sources) पर निर्भर रहते हैं, जो अक्सर उच्च ब्याज दरों (High Interest Rates) के साथ आते हैं।

सरकारी योजनाएँ (Government Schemes)

कृषि क्षेत्र के लिए सात प्रमुख मिशन (2023–24)

पहल (Initiative)

उद्देश्य (Objective)

उद्यानिकी मिशन (Mission on Horticulture)

उच्च-मूल्य वाली फसलों (high-value crops) को बढ़ावा देना

डिजिटल कृषि मिशन (Digital Agriculture Mission)

डेटा-आधारित (data-driven) और स्मार्ट खेती (smart farming) को प्रोत्साहित करना

पशु स्वास्थ्य मिशन (Livestock Health Mission)

पशुओं के स्वास्थ्य (animal health) और उत्पादकता (productivity) में सुधार लाना

कृषि विज्ञान केंद्रों (Krishi Vigyan Kendras - KVKs) को सशक्त बनाना

नवाचारों (innovations) को जमीनी स्तर (grassroots) तक पहुँचाना

फसल विज्ञान मिशन (Crop Science Mission)

खाद्य और पोषण सुरक्षा (food and nutrition security) को सुदृढ़ करना

कृषि शिक्षा और प्रबंधन (Agricultural Education and Management)

कुशल मानव संसाधन (skilled human capital) का निर्माण करना

प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन (Natural Resource Management)

भूमि (land), जल (water) और मृदा (soil) के सतत उपयोग (sustainable use) को सुनिश्चित करना

पीएम-किसान (PM-KISAN)

  • छोटे और सीमांत किसानों को 6,000 वार्षिक आय सहायता (Annual Income Support) प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (Direct Benefit Transfer - DBT) के माध्यम से दी जाती है।

ई-नाम (e-NAM: National Agricultural Market)

  • 1,000+ APMC मंडियों (Agricultural Produce Market Committee Mandis) को जोड़ने वाला 統一 डिजिटल प्लेटफॉर्म (Unified Digital Platform)।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana)

  • प्राकृतिक आपदाओं (Natural Calamities) के कारण फसल क्षति पर सस्ती बीमा योजना (Affordable Crop Insurance) प्रदान करती है।

JAM ट्रिनिटी (Jan Dhan–Aadhaar–Mobile)

  • वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion), सब्सिडी डिलीवरी (Subsidy Delivery) और किसान प्रमाणीकरण (Farmer Authentication) को बढ़ावा देती है।

प्रौद्योगिकी की भूमिका: AI, स्वचालन और स्मार्ट कृषि (Role of Technology: AI, Automation, and Smart Farming)

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence - AI) अब पारंपरिक कृषि भूमिकाओं को बदल रही है:
    • स्वचालित फसल निगरानी (Automated Crop Monitoring)
    • पूर्वानुमान आधारित मौसम विश्लेषण (Predictive Weather Analysis)
    • ड्रोन के माध्यम से कीटनाशक छिड़काव (Drone-based Pesticide Spraying)
  • AI से उत्पादकता में सुधार (Productivity Improvement) संभव है, लेकिन इससे श्रम-प्रधान नौकरियाँ (Labour-intensive Jobs) कम हो सकती हैं, जिससे पुनः-कौशल विकास (Re-skilling) की आवश्यकता बढ़ेगी।
  • उदाहरण (Examples):
    • Google के AI टूल्स जैसे उपकरण कृषि में भी प्रवेश कर रहे हैं।
    • FarmERP, DeHaat, CropIn जैसे भारतीय एग्री-स्टार्टअप्स (Agri-Startups) AI और बिग डेटा (Big Data) का उपयोग कर रहे हैं।

नीतिगत सिफारिशें (Policy Recommendations)/आगे की राह (The Way Forward)

क्षेत्र (Sector)

नीतिगत सुझाव (Policy Suggestion)

कौशल विकास (Skill Development)

कृषि क्षेत्र के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence - AI), डेटा विश्लेषण (data analytics) और रोबोटिक्स (robotics) पर ध्यान केंद्रित करना।

ऋण सुलभता (Credit Access)

किरायेदार (tenant) और भूमिहीन किसानों (landless farmers) तक किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Cards - KCC) का विस्तार करना।

बाजार सुधार (Market Reforms)

कृषि उपज विपणन समिति अधिनियम (APMC Acts) में संशोधन करना और निजी बाजारों (private markets) को बढ़ावा देना।

सिंचाई (Irrigation)

सूक्ष्म सिंचाई (Micro-irrigation) और जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन (Watershed Management) को प्रोत्साहित करना।

कृषि-शिक्षा (Agri-Education)

विद्यालय पाठ्यक्रमों (school curricula) में उद्यमिता (entrepreneurship) और डिजिटल कौशल (digital skills) को शामिल करना।

प्रौद्योगिकी अपनाना (Technology Adoption)

सटीक कृषि (precision farming), ड्रोन (drone) उपयोग और ई-कृषि उपकरणों (e-agriculture tools) को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन (incentives) देना।

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