संदर्भ
हाल ही में भारतीय सेना ने सेवा कर्मियों व उनके परिवारों के लिए त्वचा के गंभीर रूप से जलने या त्वचा से संबंधित अन्य स्थितियों के इलाज में मदद के लिए एक त्वचा बैंक सुविधा शुरू की है।
भारतीय सेना के त्वचा बैंक के बारे में
- सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं में स्थापित यह त्वचा बैंक अपनी तरह की पहली सुविधा है, जिसमें प्लास्टिक सर्जन, ऊतक इंजीनियर और विशेष तकनीकी सहायता प्रदाता सहित प्रशिक्षित चिकित्सा पेशेवर शामिल होंगे।
- यह बैंक त्वचा ग्राफ्ट के संग्रह, प्रसंस्करण, भंडारण और वितरण के लिए एक केंद्रीकृत संस्था के रूप में काम करेगा, जो देश भर के सैन्य चिकित्सा केंद्रों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन प्रदान करेगा।
त्वचा बैंक क्या है?
- त्वचा बैंक एक ऐसी सुविधा है जहां मृत व्यक्तियों की त्वचा दान की जाती है।
- दाता से एकत्र किए जाने के बाद, त्वचा को संक्रमण के लिए परीक्षण किया जाता है व संसाधित किया जाता है और आवश्यकता पड़ने तक फ्रीज़ करके रखा जाता है।
- जब किसी जले हुए पीड़ित को त्वचा की आवश्यकता होती है, तो त्वचा ग्राफ्टिंग नामक एक शल्य चिकित्सा प्रक्रिया द्वारा पीड़ित का उपचार किया जाता है।
- वर्ष 2023 में, उत्तर भारत का पहला त्वचा बैंक नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में स्थापित किया गया था।
- इसके अलावा, देश में अन्य 16 त्वचा बैंक केंद्र महाराष्ट्र, चेन्नई, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और ओडिशा में हैं।
त्वचा ग्राफ्टिंग क्या है?
- त्वचा ग्राफ्टिंग एक सरल चिकित्सीय प्रक्रिया है, जिसमें स्वस्थ त्वचा का एक टुकड़ा शरीर के किसी दूसरे हिस्से में प्रत्यारोपित किया जाता है, जहाँ की त्वचा क्षतिग्रस्त या गायब है।
- त्वचा ग्राफ्ट के दो मुख्य प्रकार हैं:
- ऑटोग्राफ्ट - रोगी के अपने शरीर के दूसरे हिस्से से त्वचा ली जाती है।
- एलोग्राफ्ट - त्वचा किसी डोनर से ली जाती है, जिसे अक्सर स्किन बैंक से प्राप्त किया जाता है।
त्वचा दान कौन कर सकता है ?
- कोई भी व्यक्ति लिंग और रक्त समूह की परवाह किए बिना त्वचा दान कर सकता है।
- हालांकि, दानकर्ता की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
- किसी मृत व्यक्ति की त्वचा मृत्यु के छह घंटे के भीतर दान की जा सकती है।
त्वचा दान कौन नहीं कर सकता है?
- एड्स, हेपेटाइटिस B और C, यौन संचारित रोग (STD), त्वचा कैंसर, सक्रिय त्वचा रोग और सेप्टीसीमिया से पीड़ित व्यक्तियों की त्वचा दान के लिए अनुपयुक्त मानी जाती है।
- वस्तुतः त्वचा निकालने से पहले, HIV, वायरल मार्कर और हेपेटाइटिस जैसे संक्रमणों की जांच के लिए मृत व्यक्ति का रक्त नमूना लिया जाता है।