प्रारंभिक परीक्षा - समसामयिकी, सिरिमा -शास्त्री समझौता मुख्य परीक्षा – सामान्य अध्ययन, पेपर-2 |
संदर्भ-
- श्रीलंका के जल आपूर्ति और संपदा अवसंरचना विकास मंत्री जीवन थोंडामन के अनुसार, हाल ही में प्राप्त ₹75 करोड़ के भारतीय अनुदान का उपयोग मुख्य रूप से द्वीप के लंबे समय से उपेक्षित चाय एस्टेट क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों के लिए किया जाएगा। इससे पहाड़ी क्षेत्र मलैयाहा के तमिलों को लक्षित किया जायेगा।
मुख्य बिंदु-
- 21 जुलाई 2023 को श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई अनेक घोषणाओं में लगभग 9 मिलियन डॉलर का अनुदान भी शामिल था।
- जीवन थोंडामन के अनुसार, “हम इस अनुदान का उपयोग यहां भारतीय मूल के तमिल समुदाय के जीवन में सौंदर्य(Aesthetic) परिवर्तन की जगह गुणात्मक परिवर्तन के लिए करना चाहते हैं।”
- उन्होंने एस्टेट में पुराने क्रेच को प्रारंभिक बचपन विकास केंद्रों में अपग्रेड करने, श्रमिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए लगभग निष्क्रिय चिकित्सा औषधालयों को क्लस्टर अस्पतालों में परिवर्तित करने और एक विश्वविद्यालय स्थापित करने की सरकार की योजना प्रस्तुत की।
- भारतीय अनुदान-समर्थित परियोजनाएं पहाड़ी देश में भारत के चल रहे आवास कार्यक्रम के अतिरिक्त होंगी, जिसका उद्देश्य युद्ध प्रभावित उत्तर और पूर्व में बनाए गए 50,000 घरों के अलावा 14,000 घरों का निर्माण करना है ।
- भारतीय मूल के तमिल या मलैयाहा तमिल(इसी रूप में वे अपना पहचान रखना पसंद करते हैं) की आबादी 10 लाख से अधिक है।
- इनमें से लगभग 1.5 लाख लोग स्वयं को दक्षिण भारतीय पूर्वजों से जोड़ते हैं,जो दो शताब्दियों पहले चाय मजदूरों के रूप में अंग्रेजों द्वारा लाए गए थे।
अभावग्रस्त क्षेत्र-
- चाय एस्टेट क्षेत्रों में तीव्र आर्थिक अभाव पर प्रकाश डालते हुए श्री थोंडामन ने कहा, “यदि आप कुपोषण या अवरुद्ध विकास को देखें, तो यह एस्टेट के बच्चों में सबसे अधिक है। इसीलिए मैं कहता हूं कि हमें उनकी वास्तविकता को बदलने की जरूरत है और इसका मतलब है शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना।“
- उन्होंने कहा कि, मंत्रालय विकासात्मक पहलों की दिशा तय करने के लिए सभी हितधारकों, विपक्ष और नागरिक समाज से परामर्श करेगा।
देखभाल के कर्तव्य-
- श्री थोंडामन राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे. उन्होंने बाद में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से मुलाकात की और विशेष रूप से शिक्षा में निवेश और सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की।
- उनके अनुसार, “मैंने मुख्यमंत्री को श्रीलंका में भारतीय मूल के तमिलों के आगमन के 200वें वर्ष की स्मृति से अवगत कराया।“
- उन्होंने 1964 के ‘सिरिमा-शास्त्री समझौते’ का जिक्र करते हुए कहा, ''जितना श्रीलंकाई सरकार की हमारे समुदाय के प्रति जिम्मेदारी है, उतनी ही भारत और तमिलनाडु के सरकारों की भी हमारी देखभाल करने की जिम्मेदारी है।''
- इस बीच, सत्ता हस्तांतरण और 13वें संशोधन पर टिप्पणी करते हुए श्री थोंडामन ने कहा: “यह वास्तव में हमारे [दक्षिणी सिंहली] नेतृत्व की विफलता है कि भारत 13वें संशोधन को शक्तियों का हस्तांतरण करने वाले कानून के रूप में पेश कर रहा है। सभी प्रांतों के लिए, न कि किसी ऐसे कानून के रूप में जो केवल तमिलों को अधिक शक्ति प्रदान करती है। यही कारण है कि सिंहली इसे भारत द्वारा थोपे गए समझौते के रूप में देखते हैं, जबकि भारत ने वास्तव में [1987 के भारत- श्रीलंका समझौते के आसपास] लोकतंत्र की सुविधा प्रदान की थी।''
सिरिमा -शास्त्री समझौता -
- सिरिमा -शास्त्री समझौता या सिरिमावो -शास्त्री समझौता (जिसे भारत-सीलोन समझौते और भंडारनायके-शास्त्री समझौते के रूप में भी जाना जाता है) एक समझौता था’ जिस पर 30 अक्टूबर 1964 को श्रीलंका के प्रधानमंत्री सिरिमावो भंडारनायके और भारतीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बीच हस्ताक्षर किए गए थे।
- आधिकारिक तौर पर, इसे सीलोन में भारतीय मूल के व्यक्तियों पर समझौते के रूप में जाना जाता था।
- सीलोन में भारतीय मूल के लोगों की स्थिति और भविष्य को निर्धारित करने में यह एक महत्वपूर्ण समझौता था।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न -
प्रश्न - सिरिमा -शास्त्री समझौता किन दो देशों के मध्य किया गया था?
(a) भारत- श्रीलंका
(b) भारत-म्यांमार
(c) भारत-चीन
(d) भारत-रूस
उत्तर - (a)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न -
प्रश्न - हाल ही में भारत सरकार द्वारा श्रीलंका को दिए गए नकद अनुदान का उपयोग श्रीलंका किस प्रकार करने जा रहा है? इससे भारत- श्रीलंका के संबंधो पर क्या प्रभाव पड़ेगा? विवेचना कीजिए।
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