प्रारंभिक परीक्षा- भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
चर्चा में क्यों
भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के वैज्ञानिकों ने कैंसर कोशिकाओं का पता लगाने और उन्हें मारने के लिए नया दृष्टिकोण (novel approach) विकसित किया है।
प्रमुख बिंदु :
- वैज्ञानिकों ने सोने और तांबे के सल्फाइड से बने हाइब्रिड नैनोकण बनाए हैं, जो गर्मी का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को मार सकते हैं और ध्वनि तरंगों का उपयोग करके उनका पता लगा सकते हैं।
- यह दृष्टिकोण विशेष रूप से ठोस ट्यूमर द्रव्यमान (solid tumour mass) कोशिकाओं पर ज्यादा असरदार हैं।
- कैंसर के खिलाफ लड़ाई में शीघ्र पता लगाना एवं उपचार प्रारंभ करना महत्वपूर्ण होता है।
- कॉपर सल्फाइड नैनोकणों का उपयोग कैंसर निदान में किया जाता है जबकि सोने के नैनोकणों का प्रयोग कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करने के लिए किया जा सकता है।
- वर्तमान अध्ययन में आईआईएससी टीम ने इन दोनों के हाइब्रिड नैनोकणों में संयोजित करने का निर्णय लिया।
- आईआईएससी के इंस्ट्रुमेंटेशन एंड एप्लाइड फिजिक्स (Applied Physics) (IAP) विभाग के अनुसार इन कणों में फोटोथर्मल, ऑक्सीडेटिव तनाव और फोटोकॉस्टिक गुण होते हैं।
- जब इन हाइब्रिड नैनोकणों पर प्रकाश डाला जाता है तो वे प्रकाश को अवशोषित कर गर्मी उत्पन्न करके कैंसर कोशिकाओं को मार सकते है।
- ये नैनोकण एकल ऑक्सीजन परमाणु भी उत्पन्न करते हैं जो कैंसर कोशिकाओं के लिए विषैले होते हैं।
- शोधकर्ताओं ने कहा कि नैनोकण कैंसर के निदान में भी मदद कर सकते हैं।
- पूर्व में विकसित नैनोकणों का आकार बड़े होने के कारण सीमित अनुप्रयोग है।
- वर्तमान अध्ययन में शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में फेफड़ों के कैंसर और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर सेल पर इस नैनोकणों का परीक्षण किया।
- अब वे नैदानिक विकास के लिए परिणामों को आगे ले जाने की योजना बना रहे हैं।
भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc)
- भारतीय विज्ञान संस्थान की स्थापना 1909 में उद्योगपति जमशेदजी नुसरवानजी टाटा, मैसूर शाही परिवार और भारत सरकार के बीच साझेदारी से हुई थी।
- भारतीय विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Science) भारत का वैज्ञानिक अनुसंधान और उच्च शिक्षा के लिये अग्रगण्य शिक्षा संस्थान है।
- यह बंगलुरु में स्थित है।
- इस संस्थान की गणना भारत के इस तरह के उष्कृष्टतम संस्थानों में होती है।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- कॉपर सल्फाइड नैनोकणों का उपयोग कैंसर निदान में किया जाता है।
- भारतीय विज्ञान संस्थान की स्थापना 1910 में हुई थी।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) कथन 1 और 2
(d) न तो 1 ना ही 2
उत्तर: (a)
मुख्य परीक्षा प्रश्न: कैंसर क्या है? भारतीय विज्ञान संस्थान के कैंसर कोशिकाओं का पता लगाने और उन्हें मारने के लिए नया दृष्टिकोण (novel approach) किस प्रकार उपयोगी होगा, चर्चा कीजिए।
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स्रोत: the hindu