संदर्भ
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने ‘राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान’ (National Institute of Open Schooling) के लिये भारतीय ज्ञान परंपरा पाठ्यक्रमों की अध्ययन-सामग्री जारी की है।
भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रसार के लिये किये जा रहे प्रयास
- ‘राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान’ पहले से ही भारत तथा विदेशों में भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रसार के लिये प्रयासरत है। इसी क्रम में अब संस्थान ने ‘भारतीय ज्ञान और परंपरा’ के आधार पर माध्यमिक तथा उच्च-माध्यमिक स्तर के लिये वैदिक अध्ययन, संस्कृत व्याकरण, भारतीय दर्शन, संस्कृत साहित्य तथा संस्कृत भाषा जैसे पाठ्यक्रम तैयार किये हैं।
- यह अध्ययन-सामग्री शिक्षार्थियों के लिये संस्कृत और हिंदी भाषा में उपलब्ध है। इसे अंग्रेज़ी भाषा में भी अनुदित किया जा रहा है। इसके साथ ही भारतीय संस्कृति एवं ज्ञान परंपरा को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिये इन सभी विषयों को प्रमुख विदेशी भाषाओं में अनुदित करने की योजना भी प्रस्तावित है।
- गौरतलब है कि ‘नई शिक्षा नीति-2020' में भी शिक्षार्थियों में स्व-अधिगम की भावना को बढावा देने के साथ-साथ भारतीयता के प्रति गौरव की भावना के निर्माण के लिये हमारे प्राचीन ज्ञान, कौशल व मूल्यों की पुनर्स्थापना पर ज़ोर दिया गया है।
‘राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान’
- ‘राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान’, जिसे पहले राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय (National Open School) के रूप में जाना जाता था, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत एक संस्थान है। इसकी स्थापना नवंबर 1989 में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ (1986) के अनुसरण में एक स्वायत्त संगठन के रूप में की गई थी।
- यह मुक्त व दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से माध्यमिक, उच्च-माध्यमिक स्तर तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण के क्षेत्र में स्कूली शिक्षा प्रदान करता है।
- एन.आई.ओ.एस. ने अपने बुनियादी शिक्षा कार्यक्रम के तीनों स्तरों पर संस्कृत, हिंदी व अंग्रेज़ी माध्यमों में भारतीय ज्ञान परंपरा के 15 विषयों, जैसे वेद, योग, विज्ञान, व्यावसायिक कौशल और संस्कृत भाषा आदि से संबंधित पाठ्यक्रम तैयार किये हैं।