प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, आईएमडी, बृहद्संहिता, कौटिल्य, मेघदूत मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर- 1 |
संदर्भ-
भारत मौसम विज्ञान विभाग(आईएमडी) 15 जनवरी, 2024 को अपनी स्थापना के 150वां वर्ष पूरे कर लिए हैं।
मुख्य बिंदु-
- 15 जनवरी, 1875 को आईएमडी ने आधिकारिक तौर पर काम करना शुरू कर दिया था।
- श्री एच. एफ. ब्लैनफोर्ड को भारत सरकार के लिए मौसम संबंधी रिपोर्टर नियुक्त किया गया।
- उनका काम भारत की जलवायु और मौसम विज्ञान का व्यवस्थित रूप से अध्ययन करना तथा इस ज्ञान का उपयोग मौसम की भविष्यवाणी एवं चक्रवात की चेतावनी जारी करने के लिए करना था।
भारत में मौसम विज्ञान का इतिहास-
- भारत में मौसम विज्ञान की शुरुआत का पता प्राचीन काल से चल सकता है।
- उपनिषदों में मेघ निर्माण और बारिश की प्रक्रियाओं और पृथ्वी पर सूर्य के चक्कर लगाने के कारण होने वाले मौसमी चक्रों का वर्णन है।
- वराहमिहिर की कृति ‘बृहद्संहिता’ में उस समय के वायुमंडलीय प्रक्रियाओं का गहन ज्ञान मौजूद है।
- कौटिल्य के अर्थशास्त्र में वर्षा के वैज्ञानिक मापन और देश के राजस्व तथा राहत कार्य के लिए इसके उपयोग के रिकॉर्ड हैं।
- कालिदास ने अपने महाकाव्य 'मेघदूत' में मध्य भारत में मानसून की शुरुआत की तारीख तक का उल्लेख किया है और मानसून के बादलों के मार्ग का अनुमान लगाया है।
- आधुनिक काल में 17 वीं शताब्दी में थर्मामीटर और बैरोमीटर के आविष्कार और वायुमंडलीय गैसों के व्यवहार को नियंत्रित करने वाले नियम की जानकारी के बाद मौसम विज्ञान की सटीक वैज्ञानिक नींव पड़ी।
- ब्रिटिश वैज्ञानिक हैलीने ने वर्ष, 1636 में भारतीय ग्रीष्मकालीन मानसून पर अपना ग्रंथ प्रकाशित किया, जिसमें उन्होंने एशियाई व्यापक भूमि और हिंद महासागर के अंतर उष्णन के कारणों को हवाओं के मौसमी उलटफेर के लिए जिम्मेदार ठहराया।
मौसम विज्ञान वेधशाला-
- भारत में दुनिया की कुछ सबसे पुरानी मौसम विज्ञान वेधशालाएँ हैं।
- ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के मौसम और जलवायु का अध्ययन करने के लिए यहाँ कई ऐसे स्टेशन स्थापित किए-
-
- 1785 में कलकत्ता में
- 1796 में चेन्नई में।
- द एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल ने भारत में मौसम विज्ञान में वैज्ञानिक अध्ययन को बढ़ावा दिया।
- वर्ष, 1864 में दो भयानक चक्रवात आए-
-
- एक कोलकाता तट से टकराया
- दूसरा ने आंध्र तट से टकराया
- इन दोनों चक्रवातों ने एक लाख से अधिक लोगों की जान ले ली।
- कोलकाता चक्रवात संभवतः उस समय तक का सबसे विनाशकारी तूफान था, जिसमें 80,000 से अधिक लोगों की जान जाने का अनुमान लगाया गया था।
- वर्ष, 1866 में भारत को गंभीर सूखे और अकाल का सामना करना पड़ा।
- इन विशेष आपदाओं की गंभीरता से वायुमंडलीय मापदंडों की निगरानी और उनके परिवर्तनों की भविष्यवाणी करने की प्रणाली की आवश्यकता महसूस हुई।
- इन्हीं परिस्थियों में वर्ष, 1875 में ‘भारत मौसम विज्ञान विभाग’ की स्थापना हुई।
- यह देश की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान सेवा, मौसम विज्ञान और संबद्ध विषयों से संबंधित सभी मामलों में प्रमुख सरकारी एजेंसी है।
- भारत मौसम विज्ञान विभाग का मुख्यालय मई, 1889 में कलकत्ता में बनाया गया।
- इसका प्रथम महानिदेशक सर जॉन एलियट को नियुक्त किया गया ।
- भारत मौसम विज्ञान विभाग का मुख्यालय बाद में शिमला, फिर पूना (अब पुणे) और अंत में नई दिल्ली स्थानांतरित किया गया।
आईएमडी के कार्य-
- मौसम संबंधी प्रेक्षणों को लेना और मौसम से प्रभावित होने वाली गतिविधियों जैसे कृषि, सिंचाई, जहाजरानी, विमानन, अपतटीय खनिज तेल की खोज, आदि के श्रेष्ठ संचालन के लिए मौसम की वर्तमान और पूर्वानुमान संबंधी जानकारी प्रदान करना।
- उष्णकटिबंधीय चक्रवात, कालबैशाखी, धूल भरी आँधी, भारी वर्षा और बर्फ, शीत और उष्ण लहर आदि जैसी गंभीर मौसमी परिघटनाओं की चेतावनी देना, जो जीवन और संपत्ति के विनाश के कारण बनते हैं।
- कृषि, जल संसाधन प्रबंधन, उद्योगों, खनिज तेल अन्वेषण और अन्य राष्ट्र निर्माण संबंधी गतिविधियों के लिए आवश्यक मौसम संबंधी आँकड़े प्रदान करना।
- मौसम विज्ञान और संबद्ध विषयों में अनुसंधान को संचालित करना और बढ़ावा देना।
- भूकंपों के स्थान और केंद्र बिंदु का पता लगाना और उनका पता लगाने और विकास परियोजनाओं के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में भूकंपीयता का मूल्यांकन करना।
आईएमडी की सफलताएं-
- आईएमडी अब एक विशाल संगठन के रूप में विकसित हो गया है।
- यह देश के प्रत्येक कोने को कवर करते हुए सैकड़ों स्थायी वेधशालाएं और हजारों स्वचालित मौसम स्टेशन चला रहा है।
- मौसम का पूर्वानुमान के अतिरिक्त आईएमडी वर्तमान में विभिन्न प्रकार की संबंधित विशेष सेवाएं प्रदान कर रहा है-
-
- आम चुनाव या परीक्षाएं आयोजित करने में
- खेल आयोजन या पर्वतारोहण अभियान में
- अंतरिक्ष प्रक्षेपण में
- जलवायु परिवर्तन अनुसंधान, जोखिमों और कमजोरियों का आकलन
- आईएमडी का पहला लंबी दूरी का मानसून पूर्वानुमान 1886 में लगाया गया था और मात्रात्मक रूप से यह अच्छा था।
- आईएमडी की सबसे प्रभावशाली सफलताएँ चक्रवात की भविष्यवाणियों में रही हैं।
- 2013 के फेलिन चक्रवात में मरने वालों की संख्या न्यूनतम रही।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- भारत मौसम विज्ञान विभाग के बारे में निम्नलिखित कथनों का विचार कीजिए।
- कालिदास ने 'मेघदूत' में मानसून की शुरुआत की तारीख का उल्लेख किया है।
- जनवरी, 2024 में भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अपनी स्थपाना के 100 वर्ष पूरे कर लिए।
- इसकी स्थापना 15 जनवरी, 1924 को हुई थी।
नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर- (a)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- ‘भारत मौसम विज्ञान विभाग’ के प्रमुख कार्यों को स्पष्ट करते हुए उसकी सफलताओं की चर्चा कीजिए।
|