प्रारम्भिक परीक्षा – भारतीय नौसेना ने समुद्री डकैती को किया विफल मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 2 (भारत के हितों को प्रभावित करने वाले कारक) |
संदर्भ
हाल ही में, भारतीय नौसेना ने 36 घंटों के भीतर सोमाली तट पर दो समुद्री डकैती के प्रयासों को विफल कर दिया।
प्रमुख बिंदु
- हाल के वर्षों में, अफ़्रीका के पश्चिमी तट, अदन की खाड़ी, हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका, बांग्लादेश और मलक्का जलडमरूमध्य के जल क्षेत्रों में समुद्री डाकुओं के हमले देखे गए हैं।
समुद्री डकैती
- यह एक गैरकानूनी कार्य है, अर्थात प्रादेशिक जल की 12 Nautical Miles सीमा के बाहर तथा भीतर होने वाली डकैती को तटीय राज्य के कानूनों के तहत डकैती का अपराध माना जाता है।
- इससे समुद्री व्यापार में जोखिम उत्पन्न होता है।
- यह जहाजों और नाविकों की सुरक्षा को भी प्रभावित करता है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित करता है।
इन क्षेत्रों में समुद्री डकैती के कारण :-
- इन समुद्री क्षेत्रों की पुलिस प्रशासन की खराब भूमिका।
- भू-राजनितिक अस्थिरता,भौगोलिक खराब स्थिति आदि के कारण उत्पन्न बेरोजगारी एवं गरीबी का होना।
- इन क्षेत्रों में शिपिंग यातायात की ट्रैफिक अत्यधिक होना।
- इन क्षेत्रों में लंगरगाह का होना।
- लंगरगाह : ऐसा समुद्री क्षेत्र जहां जहाज बंदरगाह में प्रवेश करने से पहले कई दिनों तक रुके रहते हैं।
- यह क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय जलडमरूमध्य या द्वीपसमूह पर कई देशों के समुद्री क्षेत्राधिकार का होना आदि।
- इन सब कारणों से इस क्षेत्र में कानूनी व्यवस्था सही तरीके से लागूं नहीं हो पाने से समुद्री डकैती जैसी घटना देखने को मिलती है।
समुद्री डकैती से कैसे निपटा जा सकता है?
- समुद्री डकैती जमीनी स्तर पर अस्थिरता और कुशासन की अभिव्यक्ति का परिणाम है, इसलिए इसके स्थायी समाधान के लिए जमीनी स्तर पर बातचीत की जानी चाहिए।
- यह अपराध संबंधित राज्यों द्वारा और अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति के माध्यम से किया जा सकता है।
- इस अपराध को विश्व की समुद्री सेनाओं द्वारा नियंत्रित और स्थिर किया जाना चाहिए, क्योंकि व्यापार में व्यवधान अधिकांश देशों के समुद्री अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करता है।
समुद्री डकैती की समस्या से निपटने में भारतीय नौसेना की भूमिका :-
- भारतीय नौसेना हॉर्न ऑफ अफ्रीका और अदन की खाड़ी में वर्ष 2008 से तैनात है।
- भारतीय नौसेना व्यापारिक जहाजों के अपहरण के समुद्री डाकुओं के कई प्रयासों को विफल कर चुकी है।
- इसमें 29 जनवरी 2024को श्रीलंकाई और सेशेल्स नौसेनाओं के साथ एक समन्वित कार्रवाई में एक श्रीलंकाई मछली पकड़ने वाले ट्रॉलर, लोरेंजो पुथा का बचाव, और ईरानी एवं पाकिस्तानी चालक दल के साथ दो ईरानी ध्वज वाली नौकाओं का बचाव शामिल है।
- इन जलक्षेत्रों में भारतीय नौसेना अपतटीय गश्ती जहाज आईएनएस सुमित्रा के साथ 36 घंटों के भीतर बचाव कार्य करती है।
समुद्री डाकू कौन हैं, और सोमालिया या अदन की खाड़ी में उनकी कार्यप्रणाली क्या है?
- यह अत्यंत व्यथित लोग हैं जो अपनी गरीबी के कारण समुद्र में हताशापूर्ण कार्य करने के लिए प्रेरित होते हैं, जबकि उनके संचालक किनारे पर बैठकर अपराध को बढ़ावा देने में लगे रहते हैं।
समुद्री लुटेरों के वश में हो जाने के बाद क्या होता है?
- बंदी समुद्री लुटेरों को संभालना कई कानूनी चुनौतियाँ पेश करता है।
- पकड़े गए समुद्री डाकुओं से निपटने के लिए राष्ट्रीय कानून अक्सर अपर्याप्त होते हैं।
- इनके परीक्षण और निपटान के लिए कोई प्रभावी अन्तर्राष्ट्रीय कानूनी तंत्र नहीं है।
- इसमें शामिल कई देश, समुद्री क्षेत्र, ध्वज राज्य आदि जटिल क्षेत्राधिकार संबंधी मुद्दे उठाते हैं।
- इसलिए, पकड़े गए समुद्री लुटेरों को आमतौर पर निहत्था कर दिया जाता है, और उनकी नावों में ईंधन ख़त्म कर दिया जाता है और उन्हें किनारे कर दिया जाता है ताकि वे आगे हमले करने में असमर्थ हों।
- उन्हें कानूनी कार्यवाही के लिए तटीय राज्य को सौंप दिया जाता है।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न :- हाल ही में, भारतीय नौसेना ने 36 घंटों के भीतर सोमाली तट पर दो समुद्री डकैती के प्रयासों को विफल करने में किस जहाज का प्रयोग किया था?
(a) आईएनएस विराट
(b) आईएनएस विक्रांत
(c) आईएनएस सुमित्रा
(d) आईएनएस अरिहंत
उत्तर - (c)
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स्रोत :THE INDIAN EXPRESS