
- हाल ही में भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी को नवरत्न का केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम का दर्जा प्रदान किया गया।
नवरत्न दर्जा प्राप्त होने के लाभ
- केंद्रीय प्राधिकरण से अनुमोदन की आवश्यकता के बिना ₹1,000 करोड़ तक के महत्त्वपूर्ण निवेश निष्पादित करने का अधिकार
- प्रतिवर्ष अपनी नेटवर्थ का 30% तक आवंटित करने की अनुमति, लेकिन यह 1,000 करोड़ से कम रहे।
- संयुक्त उद्यमों में भाग लेने, साझेदारी बनाने एवं विदेशी सहायक कंपनियाँ स्थापित करने का विकल्प
- इसके निदेशक मंडल को भारत एवं विदेशों में विलय तथा अधिग्रहण की अनुमति देने की शक्ति
- इसे विदेश में निवेश करने के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति से मंजूरी की आवश्यकता होगी
भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा)
- इसकी स्थापना वर्ष 1987 में हुई थी।
- यह नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है
- इसका कार्य नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से संबंधित परियोजनाओं की स्थापना में सहायता के लिए धन उपलब्ध कराना शामिल है।
- ‘भारतीय रिज़र्व बैंक’ के नियमों के अंतर्गत यह एक गैर-बैंकिंग वित्तीय संगठन है।
महारत्न, नवरत्न तथा मिनीरत्न
- केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (CPSE) को उन्हें होने वाले लाभ और नेट वर्थ के आधार पर तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है –
- महारत्न
- नवरत्न
- मिनीरत्न
- मिनीरत्न को मिनीरत्न श्रेणी-I तथा मिनीरत्न श्रेणी-II में वर्गीकृत किया गया है।
नवरत्न दर्जा प्राप्त करने के मानदंड
- पहले से मिनीरत्न श्रेणी-I का दर्जा प्राप्त हो।
- विगत पाँच वर्षों में से तीन में समझौता ज्ञापन प्रणाली के तहत बहुत अच्छी या उत्कृष्ट रेटिंग प्राप्त की हो।
- निम्नलिखित छह प्रदर्शन मापदंडों में 60 अंक या उससे अधिक का स्कोर प्राप्त किया हो –
- प्रति शेयर कमाई-10 अंक
- शुद्ध पूंजी और शुद्ध लाभ- 25 अंक
- उत्पादन की कुल लागत के सापेक्ष जनशक्ति(Manpower) पर आने वाली लागत-15 अंक
- कारोबार पर ब्याज और करों से पहले अर्जित लाभ - 15 अंक
- नियोजित पूंजी के लिए मूल्यह्रास, ब्याज और करों से पहले अर्जित लाभ - 15 अंक
- अंतर-क्षेत्रीय प्रदर्शन- 20 अंक
प्रश्न - भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी की स्थापना कब हुई थी ?
(a) वर्ष 1947
(b) वर्ष 1957
(c) वर्ष 1980
(d) वर्ष 1987
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