New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 26 Feb, 11:00 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 15 Feb, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124 GS Foundation (P+M) - Delhi: 26 Feb, 11:00 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 15 Feb, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124

चीन द्वारा भारतीय चावल की खरीद

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, चीन ने तीन दशकों में पहली बार भारतीय चावल का आयात शुरू किया है।

चावल का आयत और निर्यात

  • मात्रा और मूल्य के अनुसार भारत विश्व का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश, जबकि चीन सबसे बड़ा आयातक देश है।
  • विदित है कि इससे पूर्व थाईलैंड विश्व का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश था।
  • भारत मुख्य रूप से बांग्लादेश, नेपाल, बेनिन व सेनेगल को गैर-बासमती चावल तथा ईरान, सऊदी अरब व इराक को प्रीमियम बासमती चावल का निर्यात करता है।
  • भारतीय बासमती चावल की मांग अधिकतर स्थिर रहती है परंतु गैर-बासमती चावलों की आकर्षक कीमतों के चलते मांग में भारी उछाल देखा जाता है।
  • इतने समय में पहली बार चीन ने भारत से चावल की खरीदारी की है। भारतीय फसल की गुणवत्ता को देखते हुए चीन अगले वर्ष खरीद को बढ़ा सकता हैं।

कारण

  • थाईलैंड, म्यांमार एवं वियतनाम से आपूर्ति में कमी व खाद्य दबाव और भारत की ओर से तेज़ी से रियायती कीमतों की पेशकश के कारण ऐसा हुआ है।
  • चीन के पारम्परिक आपूर्तिकर्ताओं, जैसे कि थाईलैंड, वियतनाम, म्यांमार और पाकिस्तान में निर्यात के लिये अधिशेष आपूर्ति सीमित है और साथ ही, भारतीय कीमतों की तुलना में उनकी कीमतें कम से कम $30 प्रति टन अधिक रहती हैं।
  • कोविड-19 के साथ-साथ थाईलैंड में सूखे की स्थिति और वियतनाम में कम उपज के कारण भी भारतीय चावल निर्यात में तेज़ी देखी गई है। वियतनाम में प्रमुख चावल उत्पादक क्षेत्र मेकांग नदी डेल्टा में कम जल स्तर के कारण उत्पादन में कमी आई है। विदित है कि वियतनाम चावल का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR