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भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INDIAN SARS-CoV-2 GENOMIC CONSORTIA- INSACOG)

  • हाल ही में, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और विश्‍व के कुछ अन्‍य हिस्‍सों में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन मिलने के बाद सरकार ने वायरस निगरानीजीनोम सीक्वेंसिंग और निरुपण में तेज़ी लाने की दिशा में कदम उठाते हुए ‘भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम’ का निर्माण किया है।
  • सरकार ने इस कंसोर्टियम में 10 प्रयोगशालाओं को शामिल किया है, जिसमें से डी.बी.टी.- एन.आई.बी.एम.जीजीनोम सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम की समन्‍वय इकाई के रूप में एस.ओ.पीआँकड़ों की व्‍याख्‍याआँकड़ों के विश्‍लेषणआँकड़े जारी करने आदि जैसे कार्यकलापों के संबंध में एन.सी.डी.सी. की एक नोडल यूनिट के साथ मिलकर कार्य करेगी।
  • कंसोर्टियम का लक्ष्‍य नियमित आधार पर बहु-प्रयोगशाला नेटवर्क के माध्‍यम से कोरोना वायरस के जीनोमिक्‍स प्रकारों पर नज़र रखना है। यह भविष्‍य में संभावित वैक्‍सीनों के विकास में भी सहायता प्रदान करेगा।
  • इसके अलावा यह सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य प्रभाव सहित जीनोमिक्स प्रकारों का जल्‍द पता लगाने के लिये सख्त निगरानी व्यवस्था भी स्‍थापित करेगा और असामान्‍य घटनाओं/ प्रचलनों (तेज़ी से फैलने की घटनाओं, उच्‍च मृत्‍यु/ रोग के प्रचलन क्षेत्रों आदि) में जीनोमिक्‍स प्रकारों का निर्धारण करेगा।
  • INSACOG में एक उच्‍च स्‍तरीय अंतर-मंत्रालयी संचालन समिति भी होगीजो नीतिगत मामलों के लिये कंसोर्टियम को मार्गदर्शन प्रदान करेगी तथा कंसोर्टियम की निगरानी करेगी। इसमें वैज्ञानिक और तकनीकी मार्गदर्शन के लिये एक वैज्ञानिक सलाहकार समूह भी होगा ।
  • स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय, आई.सी.एम.आर. और सी.एस.आई.आर. के साथ जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समन्वय करके भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम की कार्यनीति और योजना तैयार की गई है।
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