चर्चा में क्यों
हाल ही में लोअर मनैर डैम (तेलंगाना) में पहली बार करीब 150 से 200 की संख्या में भारतीय स्कीमर पक्षी देखे गए हैं। सामान्यत: ये पक्षी सर्दियों के दौरान आंध्र प्रदेश के काकीनाडा बंदरगाह पर प्रवास करते हैं।
भारतीय स्कीमर
- वैज्ञानिक नाम : रिनकॉप्स एल्बिकॉलिस
- शारीरिक विशेषताएँ : भारतीय स्कीमर की लम्बाई 40-43 सेमी. तक होती है। इसका ऊपरी भाग काला, माथा,गर्दन और निचला भाग सफेद होता है। इसकी लंबी एवं मोटी गहरे नारंगी रंग की चोंच होती है, जिसका सिरा पीले रंग का होता है।
- भोजन : यह मछलियों, छोटे क्रस्टेशियंस और कीट लार्वा को खाता है।
- आवास – पूर्व में यह पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में पाई जाती थी हालाँकि वर्तमान में यह केवल भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार तक ही सीमित है।
- इसे लाओ पीडीआर, कंबोडिया और वियतनाम में विलुप्त माना जाता है।
- वर्ष 2021 बर्डलाइफ इंटरनेशनल ने कुल आबादी का अनुमान 3,700 से 4,400 व्यक्तियों के बीच लगाया है।
- IUCN स्थिति : IUCN की रेड लिस्ट में लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध
खतरा –
- जलीय आवास की क्षति
- नदियों पर बांध निर्माण
- नदियों के प्रवाह में बाधा
- अंधाधुंध शिकार
संरक्षण के लिए उठाए गए कदम
'स्कीमर के संरक्षक' कार्यक्रम
- वर्ष 2020 में 'स्कीमर के संरक्षक' कार्यक्रम की शुरुआत की गई है जो एक समुदाय-आधारित संरक्षण पहल है।
- इसके अंतर्गत स्थानीय लोगों को स्कीमर और अन्य नदी के किनारे घोंसला बनाने वाले पक्षियों की घोंसले की कॉलोनियों को शिकारियों एवं मवेशियों के रौंदने से बचाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा हैं ताकि इनके आवास का संरक्षण किया जा सके।
'इंडियन स्कीमर काउंट
- बर्ड काउंट इंडिया के सहयोग से बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी(BHNS) ने 'इंडियन स्कीमर काउंट' नामक एक नागरिक विज्ञान पहल भी शुरू की है।
- इसमें भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के अन्य देशों में जनसंख्या की स्थिति और वितरण को समझने के लिए दो चरणों में चयनित स्थलों पर समन्वित गणना शामिल है।