चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू और कश्मीर के उधमपुर जिले के चेनानी (नत्थाटॉप) में भारत के पहले हिमालयी उच्च-ऊंचाई वायुमंडलीय एवं जलवायु अनुसंधान केंद्र का औपचारिक शुभारंभ किया।

उद्देश्य:- जलवायु और मौसम का वैज्ञानिक अध्ययन
- सटीक जलवायु और मौसम पूर्वानुमान प्रदान करना।
- हिमालय की उच्च-ऊंचाई स्थितियों में वायुमंडलीय और जलवायु प्रक्रियाओं का वैज्ञानिक अध्ययन करना।
केंद्र की विशेषताएं और महत्व
- यह केंद्र समुद्र तल से 2,250 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
- यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, जम्मू-कश्मीर वन विभाग, और जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय की संयुक्त परियोजना है।
- साइट को विशेष रूप से स्वच्छ वायु और न्यूनतम प्रदूषण स्तर के कारण चुना गया, ताकि मुक्त क्षोभमंडलीय स्थितियों (Free Tropospheric Conditions) में वैज्ञानिक अध्ययन किया जा सके।
- इससे हिमालय में जलवायु निगरानी (Climate Monitoring) को मजबूत आधार मिलेगा।
वैज्ञानिक, पारिस्थितिकीय और नीति
- यह केंद्र जलवायु परिवर्तन, ग्लेशियर मेल्ट, और मौसमीय अस्थिरताओं के प्रभावों को समझने में मदद करेगा।
- यह परियोजना हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा और स्थायी विकास नीतियों के निर्माण में योगदान देगी।
भारत-स्विस अनुसंधान सहयोग: ICE-CRUNCH प्रोजेक्ट
उद्घाटन के अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत-स्विस संयुक्त अनुसंधान परियोजना "ICE-CRUNCH" को भी हरी झंडी दिखाई।
इस परियोजना के प्रमुख बिंदु:
- पूरा नाम: "Ice-CRUNCH" (Ice Crystals and Cloud Condensation Nuclei Characteristics in the Northwestern Himalayas)
- सहयोगी संस्थान: भारत के वैज्ञानिक और स्विट्ज़रलैंड के ETH ज़्यूरिख के शोधकर्ता
- उद्देश्य: उत्तर-पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में बर्फ के कणों और बादल संघनन नाभिक (Cloud Condensation Nuclei) की भौतिक और रासायनिक संरचना का विश्लेषण
प्रश्न - भारत का पहला हिमालयी जलवायु अनुसंधान केंद्र कहाँ स्थापित किया गया ?
(a) उधमपुर
(b) शिमला
(c) सोलन
(d) अल्मोड़ा
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