चर्चा में क्यों?
भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन 31 मार्च तक जींद-सोनीपत मार्ग पर शुरू की जाएगी।

पहली हाइड्रोजन ट्रेन के बारे में:
- हाइड्रोजन ट्रेनें पर्यावरण के अनुकूल होती हैं,
- ये हाइड्रोजन ईंधन सेल का उपयोग करती हैं।
- ये ट्रेनें केवल पानी और गर्मी जैसे उप-उत्पाद उत्पन्न करती हैं,
- इससे कार्बन उत्सर्जन और ध्वनि प्रदूषण में कमी आती है।
- अधिकतम गति: 110 किमी/घंटा
- यात्री क्षमता: 2,638
- इंजन क्षमता: 1,200 HP, जिससे यह दुनिया की सबसे अधिक क्षमता वाली हाइड्रोजन-संचालित ट्रेन बनती है।
- लाभ :
- शून्य कार्बन उत्सर्जन
- ऊर्जा दक्षता
- लागत बचत
- कम शोर
रेलवे के लिए हाइड्रोजन' पहल:
- भारत सरकार की इस पहल का लक्ष्य टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा देना है।
- यह परियोजना वर्ष 2030 तक भारतीय रेलवे को शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जक बनाने के लक्ष्य का हिस्सा है।
- पहली हाइड्रोजन ट्रेन के शुभारंभ के साथ, भारत अब जर्मनी, चीन और ब्रिटेन जैसे देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है,
- ये देश पहले ही हाइड्रोजन रेल प्रौद्योगिकी अपना चुके हैं।
प्रश्न : भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन किस मार्ग पर चलेगी?
(a) दिल्ली-मुंबई
(b) पटना-गया
(c) जींद-सोनीपत
(d) लखनऊ-वाराणसी
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