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IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

भारत की पहली लघु भूतापीय विद्युत परियोजना

(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय महत्त्व की समसामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन , प्रश्न पत्र- 3 ,बुनियादी ढांचा: ऊर्जा)

संदर्भ

भारत की पहली भूतापीय बिजली परियोजना की ड्रिलिंग भूतापीय समृद्ध पुगा घाटी में शुरू की गई है, जो लेह से लगभग 190 किलोमीटर दूर है। 

परियोजना के बारे में 

  • यह एक संयुक्त परियोजना है जिसमें शामिल हैं: 
    • तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC)
    • लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद-लेह 
    • हिमालयन रिन्यूएबल एनर्जी एंड कंस्ट्रक्शन फर्म (HRECF) 
  • इस शून्य-कार्बन नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना का क्रियान्वयन 14,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर किया जा रहा है।
  • इस पायलट परियोजना का उद्देश्य सर्दियों के दौरान निवासियों के लिए स्थान को गर्म रखने और जलकृषि, कृषि एवं लैगून स्पा जैसी पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देना है।
  • प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, पुगा घाटी के इस क्षेत्र में 200 मेगावाट स्वच्छ ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता है।

चुनौतियाँ 

  • भारत में भूतापीय ऊर्जा के अन्वेषण और ड्रिलिंग से जुड़ी उच्च प्रारंभिक लागत एक महत्वपूर्ण वित्तीय बाधा। 
  • इसके अलावा, भूविज्ञान, ड्रिलिंग और जलाशय इंजीनियरिंग में आवश्यक विशेष कौशल की कमी। 
  • भारतीय भूतापीय संसाधनों की मध्यम एन्थैल्पी प्रकृति को देखते हुए तकनीकी और आर्थिक व्यवहार्यता स्थापित करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना और पायलट परियोजनाओं की आवश्यकता। 
  • भूतापीय विकास के पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में चिंताएँ, विशेष रूप से पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में।

अवसर 

  • चुनौतियाँ नवाचार और विकास के अवसर भी प्रस्तुत करती हैं। अनुकूलित ड्रिलिंग तकनीकों के अनुसंधान और विकास में निवेश करने से लागत में उल्लेखनीय कमी आ सकती है और परियोजना के परिणाम बेहतर हो सकते हैं। 
  • जोखिम-साझाकरण तंत्र और ग्रीन बॉन्ड जैसे नए वित्तीय मॉडल निवेशकों को आकर्षित कर सकते हैं और उच्च प्रारंभिक लागत को कम कर सकते हैं।
  • भूतापीय प्रौद्योगिकियों में कौशल विकास कार्यक्रम और विशेष पाठ्यक्रम प्रतिभा की कमी को दूर कर सकते हैं, जिससे इस प्रक्रिया में रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकते हैं।

पुगा घाटी

  • पुगा घाटी लद्दाख के दक्षिण-पूर्वी भाग में चांगथांग घाटी में स्थित है और और हिमालय के भूतापीय बेल्ट का एक हिस्सा है।
  • लद्दाख क्षेत्र में पुगा घाटी भारत के उन क्षेत्रों में से एक है, जिसने भारत सरकार द्वारा प्रारंभिक अध्ययनों में भू-तापीय ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण क्षमता दिखाई है।
  • यह क्षेत्र गर्म झरनों, मिट्टी के पूल, सल्फर और बोरेक्स जमा के रूप में भू-तापीय गतिविधि का प्रमाण दिखाता है।
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