चर्चा में क्यों?
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 14 मार्च को समाप्त सप्ताह में 305 मिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 654.271 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।

प्रमुख बिंदु:
- यह वृद्धि पिछले सप्ताह की वृद्धि के बाद हुई है, जिसने तीन वर्षों में सबसे अधिक साप्ताहिक वृद्धि दर्ज किया।
- इन हालिया वृद्धि से पहले, विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग चार महीनों तक लगातार गिरावट देखी गई थी, जो 11 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई थी।
- भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इससे पहले सितंबर 2024 में 704.89 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
- तब से, वे उस शिखर से लगभग 7 प्रतिशत गिर चुके हैं।
- आरबीआई के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत की विदेशी मुद्रा आस्तियाँ (Foreign Currency Assets - FCA) विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक - 557.186 बिलियन अमरीकी डॉलर है।
- स्वर्ण भंडार का मूल्य 74.391 बिलियन अमरीकी डॉलर है।
- अनुमान बताते हैं कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 10 से 11 महीने के अनुमानित आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त है।
- 2024 में, भंडार में 20 बिलियन अमरीकी डॉलर से थोड़ी अधिक की मामूली वृद्धि देखी गई।
विदेशी मुद्रा भंडार (FX Reserves)
- यह किसी देश के केंद्रीय बैंक या मौद्रिक प्राधिकरण द्वारा रखी गई परिसंपत्तियां होती हैं।
- यह मुख्य रूप से अमेरिकी डॉलर जैसी आरक्षित मुद्राओं में संग्रहीत होता है।
- इसमें यूरो, जापानी येन और पाउंड स्टर्लिंग में छोटी मात्रा में होल्डिंग भी शामिल होती है।
भारत में विदेशी मुद्रा भंडार
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अक्सर विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करता है।
- रुपया मजबूत होने पर डॉलर खरीदकर और कमजोर होने पर बेचकर तरलता का प्रबंधन करता है।
- इन उपायों का उद्देश्य मुद्रा को स्थिर करना और तीव्र अवमूल्यन को रोकना है।
प्रश्न. सितंबर 2024 में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का सर्वकालिक उच्च स्तर कितना था?
(a) 654.271 बिलियन डॉलर
(b) 600 बिलियन डॉलर
(c) 704.89 बिलियन डॉलर
(d) 500 बिलियन डॉलर
|