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भारत के नए रामसर साइट

संदर्भ 

भारत में 4 नई आद्रभूमियों को रामसर सूची में शामिल करने के साथ देश में आद्रभूमियों की कुल संख्या बढ़कर 89 हो गई। राज्यों में तमिलनाडु में सर्वाधिक 20 और उत्तर प्रदेश में कुल 10 रामसर स्थल हैं।

चार नए रामसर स्थल 

रामसर स्थल के नाम 

विवरण

  1. सक्कराकोट्टई पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु)

  2. थेरथंगल पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु)

  • अवस्थिति : दोनों पक्षी अभयारण्य तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित हैं। 
  • क्षेत्रफल : 
    • सक्करकोट्टई पक्षी अभयारण्य 230.495 हेक्टेयर 
    • थेर्थंगल पक्षी अभयारण्य 29.295 हेक्टेयर 
  • महत्व : दोनों अभयारण्य मध्य एशियाई फ्लाईवे के किनारे स्थित हैं और स्पॉट-बिल्ड पेलिकन (Spot-billed Pelican), ब्लैक-हेडेड आइबिस (Black-headed ibis) और ओरिएंटल डार्टर (Oriental Darter) सहित जलीय पक्षियों के लिए महत्वपूर्ण प्रजनन स्थल और चारागाह हैं।
  1. खेचेओपलरी वेटलैंड (सिक्किम)

  • अवस्थिति : यह स्थान पश्चिमी सिक्किम में खेचेओपलरी गांव के समीप, गंगटोक से 147 किमी पश्चिम में स्थित है।
  • सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व :
    • बौद्धों और हिंदुओं दोनों के लिए पवित्र
    • यह एक मनोकामना पूर्ण करने वाली झील के रूप में जानी जाती है।
    • स्थानीय नाम शो ज़ो शो (Sho Dzo Sho) है, जिसका अनुवाद "ओह लेडी, यहाँ बैठो" होता है।
  • सिक्किम की स्थलाकृति से संबंधित लोककथा के अनुसार, खेचेओपलरी को मानव शरीर के चार अंगों में से एक, अर्थात् वक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाला कहा जाता है। 
    • अन्य तीन अंगों को युकसोम (तीसरी आंख), ताशिडिंग (सिर) और पेमायांगत्से (हृदय) द्वारा दर्शाया जाता है।
  1. उधवा झील पक्षी अभयारण्य (झारखंड)

  • अवस्थिति : यह झारखंड के साहेबगंज जिला (राजमहल अनुमंडल) में अवस्थित है। 
  • स्थापना : वर्ष 1991 में 
  • क्षेत्रफल : 5.65 वर्ग कि.मी. 
    • निकटवर्ती झीलें
    • पटौरा झील 
    • ब्रह्मा जमालपुर झील (बरहले झील)
  • पक्षियों के प्रकार 
    • हाउस स्विफ्ट (house swifts), फिशिंग ईगल (fishing eagles), ब्राह्मणी चील (Brahminy kites) और स्विफ्ट फ्लाइंग (swifts flying)
    • शीतकाल के दौरान साइबेरिया और यूरोप से प्रवासी पक्षी।
  • यह वूली-नेक्ड स्टॉर्क (Wooly-necked stork), लेसर एडजुटेंट (Lesser adjutant) और ब्लैक-हेडेड आइबिस (Black-headed ibis) जैसी प्रजातियों का भी घर है।

नोट : सिक्किम और झारखंड के पहले रामसर स्थल जोड़े गए हैं।

आर्द्रभूमि का महत्व

  • आर्द्रभूमि पारिस्थितिक संतुलन और जैव विविधता के समर्थन के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र होते हैं।  
  • ये महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ प्रदान करते हैं जैसे- बाढ़ नियंत्रण, जल आपूर्ति, भोजन, फाइबर और कच्चा माल।
  • रामसर दर्जा संरक्षण प्रयासों, वित्तपोषण और वैश्विक मान्यता को बढ़ाता है तथा इन संवेदनशील पारिस्थितिकी प्रणालियों के लिए बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

रामसर अभिसमय

  • हस्ताक्षर : 2 फरवरी, 1971 में ईरान के रामसर में
    • वर्ष 1975 में प्रभावी हुआ। 
  • मुख्यालय : ग्लैंड, स्विटजरलैंड
  • सदस्य: भारत सहित 172 सदस्य देश
  • उद्देश्य : आर्द्रभूमियों और उनके संसाधनों के संरक्षण तथा विवेकपूर्ण उपयोग पर ध्यान केंद्रित करना
  • विश्व आद्रभूमि दिवस : प्रत्येक वर्ष 2 फरवरी 

वैश्विक रामसर स्थल

  • विश्व भर में कुल 2,529 रामसर स्थल हैं।
  • भारत में एशिया में सर्वाधिक रामसर स्थल हैं और विश्व स्तर पर यह यूनाइटेड किंगडम (176) व मैक्सिको (144) के बाद तीसरे स्थान पर है।
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