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भारत का ‘परमाणु मिशन’

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत ने ‘परमाणु मिशन’ की शुरुआत की।

प्रमुख बिंदु:

  • इस मिशन का उद्देश्य देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वच्छ और पर्यावरण हितैषी ऊर्जा प्रदान करना है।
  • 2047 तक 100 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
    • यह देश की कुल ऊर्जा जरूरत का 10% होगा।

निजी क्षेत्र की भागीदारी

  • केंद्र सरकार ने पहली बार परमाणु क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोला है।
  • निजी कंपनियां अब परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निवेश कर सकेंगी।
  • इससे तकनीकी नवाचार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) की भूमिका

  • इस मिशन में छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) की अहम भूमिका होगी।
  • SMR की क्षमता 16 मेगावाट से 300 मेगावाट होगी।
  • ये रिएक्टर दूर-दराज के क्षेत्रों और औद्योगिक हब्स को बिजली देंगे।
  • छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर तेज, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल होंगे।
  • ये बड़े परमाणु संयंत्रों की तुलना में कम जगह और कम लागत में तैयार किए जा सकेंगे।

  पर्यावरणीय लाभ और नेट-जीरो लक्ष्य

  • सरकार ने 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है।
  • परमाणु ऊर्जा भारत के स्वच्छ ऊर्जा अभियान का मुख्य आधार होगी।
  • भारत के विशाल थोरियम भंडार का भी इस मिशन में उपयोग किया जाएगा।
    • भारत के पास दुनिया के कुल थोरियम भंडार का 21% है।

प्रश्न.  भारत ने ‘परमाणु मिशन’ के तहत 2047 तक कितनी गीगावॉट परमाणु ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है?

(a) 50 गीगावॉट

(b) 75 गीगावॉट

(c) 100 गीगावॉट

(d) 150 गीगावॉट

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