(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्त्वों की भूमिका, सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन- संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध) |
संदर्भ
22 अप्रैल, 2025 को जम्मू एवं कश्मीर की बरसैन घाटी में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले से भारत-पाक संबंधों में गिरावट आई है। प्रारंभिक खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन द्वारा प्रायोजित था। इसके बाद भारत सरकार ने प्रतिक्रिया देते हुए राजनयिक, रणनीतिक एवं सुरक्षा-आधारित कई कदम उठाए।
भारत सरकार की 5-स्तरीय रणनीतिक प्रतिक्रिया
सिंधु जल संधि का स्थगन
- वर्ष 1960 की सिंधु जल संधि का तत्काल प्रभाव से अस्थायी रूप से निलंबन
- इस संधि के दायित्वों से भारत अब मुक्त रहेगा जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन नहीं छोड़ता है।
सिंधु जल संधि के बारे में
- हस्ताक्षर : 19 सितंबर, 1960 को भारत एवं पाकिस्तान के बीच
- इस संधि पर भारत के प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अय्यूब खान ने इस पर हस्ताक्षर किए।
- मध्यस्थता : विश्व बैंक ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई।
- नदी व्यवस्था : छह नदियाँ शामिल– सिंधु, झेलम, चेनाब, रावी, ब्यास, सतलुज।
- जल आवंटन :
- भारत को पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास, सतलुज) के जल उपयोग का अधिकार
- पाकिस्तान को पश्चिमी नदियाँ (सिंधु, झेलम, चेनाब) के जल उपयोग का अधिकार
- विशेष प्रावधान : भारत को पश्चिमी नदियों पर सीमित उपयोग (जल विद्युत उत्पादन, सिंचाई) की अनुमति है।
- निगरानी एवं विवाद समाधान : दोनों देशों ने एक स्थायी सिंधु आयोग का गठन किया है। विवाद की स्थिति में पहले द्वि-पक्षीय बातचीत फिर विश्व बैंक की मदद से समाधान की व्यवस्था है।
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अटारी चेकपोस्ट बंद करना
- भारत-पाक व्यापार व यात्रा के प्रमुख मार्ग ‘अटारी चेकपोस्ट’ को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है।
- जिन पाक नागरिकों ने वैध वीजा पर भारत में प्रवेश किया है, उन्हें 1 मई, 2025 तक भारत छोड़ने का निर्देश।
सार्क वीजा छूट योजना (SVES) से पाकिस्तान को बाहर करना
- पाक नागरिकों को सार्क वीज़ा छूट योजना के तहत यात्रा की अनुमति रद्द।
- पहले से जारी SVES वीज़ा रद्द घोषित और ऐसे नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश।
- सार्क वीज़ा छूट योजना वर्ष 1992 में शुरू की गई थी। दिसंबर 1988 में इस्लामाबाद में हुए चौथे शिखर सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया था कि सार्क देशों के कुछ श्रेणियों के गणमान्य व्यक्तियों को एक विशेष यात्रा दस्तावेज़ का हकदार होना चाहिए, जो उन्हें इस क्षेत्र में वीज़ा से छूट देगा।
- वर्तमान में इस सूची में पात्र व्यक्तियों की 24 श्रेणियाँ शामिल हैं, जिनमें गणमान्य व्यक्ति, उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश, सांसद, वरिष्ठ अधिकारी, व्यवसायी, पत्रकार, खिलाड़ी आदि शामिल हैं।
- ‘वीज़ा स्टिकर’ संबंधित सदस्य राज्यों द्वारा उस विशेष देश की पात्र श्रेणियों को जारी किए जाते हैं।
- वीज़ा स्टिकर की वैधता प्राय: एक वर्ष के लिए होती है। कार्यान्वयन की समीक्षा सार्क सदस्य राज्यों के आव्रजन अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से की जाती है।
- सार्क वीज़ा स्टिकर का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गणमान्य व्यक्तियों की यात्रा किसी विशेष शहर तक सीमित न रहे और इससे उन्हें पुलिस रिपोर्टिंग एवं सार्क के सदस्य देशों में से किसी में भी प्रवेश पर अतिरिक्त फॉर्म भरने जैसी परेशानियों से बचाया जा सके।
राजनयिक निष्कासन
- पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना एवं वायु सलाहकार निष्कासित घोषित; एक सप्ताह में भारत छोड़ने का आदेश।
- भारत ने भी इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने समकक्ष सलाहकारों को वापस बुलाया।
राजनयिक मिशनों के आकार में कमी
- दोनों देशों के मिशनों की संख्या 55 से घटाकर 30 करने का निर्णय।
- यह प्रक्रिया 1 मई, 2025 तक पूरी की जाएगी।
जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद के लिए उत्तरदायी कारक
पाकिस्तान की भूमिका
- सीमापार आतंकवाद: पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को प्रशिक्षण, हथियार, वित्त एवं पनाहगाह प्रदान करना।
- ISI की रणनीति: अस्थिरता फैलाकर भारत को सामरिक व राजनीतिक नुकसान पहुँचाना।
- घुसपैठ: नियंत्रण रेखा (LoC) के पार से आतंकवादियों की घुसपैठ को बढ़ावा देना।
असंतोष एवं अलगाववादी भावना
- ऐतिहासिक, सामाजिक एवं राजनीतिक कारणों से कुछ वर्गों में अलगाववाद की भावना।
- धारा 370 के हटने के बाद उपजे राजनीतिक असंतोष का आतंकी संगठनों द्वारा लाभ उठाया जाना।
युवाओं में कट्टरपंथ एवं भटकाव
- बेरोज़गारी, शिक्षा की कमी और राजनीतिक हाशिए पर रखना कुछ युवाओं को चरमपंथ की ओर मोड़ता है।
- सोशल मीडिया एवं धार्मिक कट्टरता के ज़रिए युवाओं का ब्रेनवॉश किया जाता है।
सूचना तकनीक एवं सोशल मीडिया का दुरुपयोग
- WhatsApp, Telegram और अन्य सुरक्षित ऐप्स के माध्यम से संचार व भर्ती।
- फर्जी खबरों एवं भड़काऊ सामग्री के ज़रिए मनोवैज्ञानिक युद्ध (Psychological Warfare)।
स्थानीय सहयोग एवं आतंकवाद का नेटवर्क
- कुछ स्थानीय लोगों का आतंकवादियों को आश्रय देना, सुरक्षा बलों की गतिविधियों की जानकारी देना, आदि।
- हवाला नेटवर्क के माध्यम से फंडिंग।
राजनीतिक अस्थिरता एवं प्रशासनिक शिथिलता
- लंबे समय तक रही राजनीतिक अस्थिरता ने प्रशासन को कमज़ोर किया।
- लोगों में लोकतंत्र एवं व्यवस्था पर विश्वास में कमी।
समस्याओं का दीर्घकालिक समाधान न होना
- राजनीतिक संवाद, विकास कार्यक्रम और स्थानीय भागीदारी की धीमी गति।
- ‘हार्ट्स एंड माइंड्स’ की नीति में निरंतरता की कमी।
समाधान
- कूटनीतिक दबाव एवं सीमा पर सुरक्षा
- स्थानीय युवाओं की मुख्यधारा में भागीदारी
- शिक्षा एवं रोजगार के अवसर
- कट्टरपंथ की रोकथाम
- न्यायपूर्ण एवं प्रभावशाली प्रशासन
बरसैन घाटी
- भौगोलिक अवस्थिति: बरसैन घाटी जम्मू एवं कश्मीर के अनंतनाग जिले के अंतर्गत पहलगाम क्षेत्र के पास स्थित एक प्राकृतिक पर्यटक स्थल है।
- भू-प्राकृतिक विशेषता: हिमालयी पर्वतमाला की इस घाटी को ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ भी कहते हैं।
- नदी: बरसैन घाटी क्षेत्र से होकर प्रवाहित होने वाली सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण नदी ‘लिद्दर’ (Lidder River) है।
- यह शेषनाग झील (Sheshnag Lake) से निकलती है और पहलगाम होते हुए अनंतनाग जिले में जाकर झेलम नदी में मिलती है।
- यह पहलगाम, बरसैन घाटी एवं अमरनाथ यात्रा मार्ग से होकर प्रवाहित होती है।
- पर्यटन महत्त्व : बरसैन घाटी एडवेंचर टूरिज्म, ट्रेकिंग, हाइकिंग एवं प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।
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