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हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचा

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में सिंगापुर में हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे (IPEF) की मंत्रिस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया 
  • भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने वाणिज्य विभाग के सचिव श्री सुनील बर्थवाल के नेतृत्व में इस बैठक में भाग लिया
  • नवंबर 2023 में IPEF की मंत्रिस्तरीय बैठक में स्वच्छ अर्थव्यवस्था, निष्पक्ष अर्थव्यवस्था और समृद्धि के लिए व्यापक समझौता हुआ था।
    • इसके अनुसार, इसमें शामिल देशों ने इन समझौतों में शामिल विषयों पर घरेलू अनुमोदन प्रक्रियाओं की कानूनी समीक्षा पूरी की।
    • भारत ने मंत्रिस्तरीय विचार-विमर्श में सक्रिय रूप से भाग लिया।
    • भारत ने इन समझौतों पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर नहीं किए क्योंकि घरेलू अनुमोदन प्रक्रियाएं अब भी चल रही हैं।

हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचा

  • इसकी शुरुआत वर्ष 2022 में जापान में की गई थी।
  • इसमें 14 देश शामिल हैं-
    • ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम और अमेरिका 
  • इसका उद्देश्य सदस्य देशों में विकास, आर्थिक स्थिरता और समृद्धि के साथ आपसी सहयोग को मजबूत करना है।
  •  यह ढांचा चार स्तंभों से बना है-
    1. स्तंभ I: व्यापार 
    2. स्तंभ II: आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन 
    3. स्तंभ III: स्वच्छ अर्थव्यवस्था 
    4. स्तंभ IV:  निष्पक्ष अर्थव्यवस्था 
  • भारत इसके स्तंभ II, III और  IV में शामिल है और स्तंभ-I में पर्यवेक्षक है।
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