(प्रारम्भिक परीक्षा : राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामायिक घटनाएँ; मुख्य परीक्षा, प्रश्नपत्र – 3 : सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन)
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, 26/11 हमले की 12वीं वर्षगांठ पर तटीय क्षेत्रों में सुरक्षा इंतज़ामों की समीक्षा की गई है। समुद्री सुरक्षा में ‘सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र’ (IMAC) द्वारा महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करने के कारण यह संस्था चर्चा में है।
पृष्ठभूमि
- भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल तथा समुद्री पुलिस द्वारा तटीय क्षेत्रों में तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा तैयार किया गया है, जिससे समुद्री क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों पर रोकथाम में अभूतपूर्व सफलता मिली है।
- ध्यातव्य है कि 26/11 हमले में शामिल आतंकवादियों ने समुद्री रास्ते से ही मुम्बई में प्रवेश कर हमले को अंजाम दिया था, जिससे तटीय सुरक्षा की कई कमज़ोरियाँ सामने आईं।
- मुम्बई हमले जैसे खतरनाक हमलों को रोकने के लिये आई.एम.ए.सी. का निर्माण किया गया।
- सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र (Information Management and Analysis Centre –IMAC)
- आई.एम.ए.सी. की स्थापना वर्ष 2014 में की गई थी। इसका मुख्यालय गुरुग्राम में स्थित है। यह संस्थान समुद्री सुरक्षा से सम्बंधित जानकारी के एकत्रीकरण और प्रसार के लिये नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है।
- आई.एम.ए.सी. को भारतीय नौसेना तथा तटरक्षक बल द्वारा सयुंक्त रूप से संचालित किया जाता है। यह संस्थान भारत के हितों से सम्बंधित समुद्री यातायात की निगरानी के लिये राष्ट्रीय कमान नियंत्रण, संचार एवं खुफिया नेटवर्क की आधारशिला है।
सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र के कार्य
- यह विभिन्न राष्ट्रीय हितधारकों के मध्य समुद्री सुरक्षा से सम्बंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान करता है तथा सामान्य संचालन तंत्र के विकास पर भी बल देता है।
- चूँकि समुद्री क्षेत्र में खतरे अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति के होते हैं इसलिये आई.एम.ए.सी. द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्रोतों से भी आँकड़े एकत्रित किये जाते हैं।
- आई.एम.ए.सी. केवल ग़ैर सैन्य या वाणिज्यिक जहाज़ों की निगरानी करता है, जिन्हें वाइट शिपिंग के रूप में जाना जाता है। सैन्य जहाज़ों को एक वर्गीकृत नेटवर्क के माध्यम से नौसेना संचालन निदेशालय द्वारा ट्रैक किया जाता है।
- आई.एम.ए.सी. हिन्द महासागर क्षेत्र (IOR) से गुजरने वाले जहाज़ों की निगरानी करता है तथा इस क्षेत्र से गुजरते समय जहाज़ एक स्वचालित पहचान प्रणाली (Automatic Identification System - AIS) को संकेत प्रेषित करते हैं, जिसमें जहाज़ के लिये मार्ग, गंतव्य, राष्ट्रीयता और स्वामित्व आदि की जानकारी शामिल होती है।
- अगर किसी जहाज़ ने अपनी पहचान बदल ली है या वह किसी देश में कानूनी प्रवर्तन से सम्बंधित मुद्दों में शामिल है तो आई.एम.ए.सी. इसकी भी जाँच करने में सक्षम है।
अन्य महत्त्वपूर्ण बिंदु
- हिंद महासागर क्षेत्र सबसे व्यस्त समुद्री मार्ग है जो 7500 नॉटिकल मील लम्बे तथा 5500 नॉटिकल मील चौड़े क्षेत्र में फैला हुआ है तथा इसमें 35 देश शामिल हैं।
- भारतीय नौसेना समग्र समुद्री सुरक्षा (तटीय और अपतटीय) के लिये ज़िम्मेदार है। साथ ही, तटरक्षा बल, राज्य समुद्री पुलिस तथा अन्य एजेंसियों द्वारा समुद्री सुरक्षा में सहायता प्रदान की जाती है।
- 26/11 हमले के बाद वर्ष 2009 में सुरक्षा मामलों की मंत्रीमंडलीय समिति ने तटरक्षक बल को क्षेत्रीय स्तर पर तटीय सुरक्षा के लिये ज़िम्मेदार प्राधिकारी के रूप में नामित किया था
नोट : सूचना प्रबंधन और विश्लेष्ण केंद्र का नाम बदलकर नेशनल मेरीटाइम डोमेन अवेयरनेस सेंटर किया जाना प्रस्तावित है।