(प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्नपत्र-1 : पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे)
चर्चा में क्यों
हाल ही में, आपदा रोधी अवसंरचना के लिये गठबंधन (CDRI) ने आपदा-लचीला बुनियादी ढाँचा प्रणाली के वित्तीयन हेतु 50 मिलियन डॉलर (लगभग 400 करोड़ रुपए) के बुनियादी ढाँचा लचीलापन त्वरक कोष (Infrastructure Resilience Accelerator Fund : IRAF) की घोषणा की है।
प्रमुख बिंदु
- इस कोष की घोषणा मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित कॉप-27 शिखर सम्मेलन में की गई।
- इस कोष का प्रबंधन यूनाइटेड नेशन मल्टी-पार्टनर ट्रस्ट फंड ऑफिस, न्यूयॉर्क द्वारा किया जाएगा तथा भारत, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ द्वारा इसका समर्थन किया जाएगा।
कोष के उद्देश्य
- यह कोष आपदा-लचीला बुनियादी ढाँचा प्रणालियों के लिये विकासशील देशों और द्वीपीय राष्ट्रों को धन उपलब्ध कराएगा जो जलवायु परिवर्तन के सर्वाधिक बड़े खतरों का सामना कर रहे हैं।
- यह कोष देशों को बुनियादी ढाँचे के निर्माण से संबंधित तकनीकी सहायता, क्षमता निर्माण, अनुसंधान और ज्ञान प्रबंधन की पेशकश करेगा।
- इसका उद्देश्य जलवायु और आपदा जोखिमों के लिये बुनियादी ढाँचा प्रणालियों के लचीलेपन को बढ़ावा देना है, ताकि सतत् विकास सुनिश्चित किया जा सके।
आपदा-रोधी अवसंरचना के लिये गठबंधन (CDRI)
- अगस्त, 2019 में 480 करोड़ रुपए की सहायता के साथ सी.डी.आर.आई. को स्थापित करने की मंज़ूरी दी गई। इसके पश्चात् भारत ने सितंबर, 2019 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन के दौरान इसे लॉन्च किया।
- इसका सचिवालय नई दिल्ली में स्थापित किया गया है। इस गठबंधन में 31 देश, 6 अंतर्राष्ट्रीय संगठन और 2 निजी क्षेत्र के संगठन सदस्य के रूप में शामिल हैं।
- यह राष्ट्रीय सरकारों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और कार्यक्रमों, बहुपक्षीय विकास बैंकों और वित्तपोषण तंत्र, निजी क्षेत्र, शैक्षणिक और ज्ञान संस्थानों की एक वैश्विक साझेदारी है।