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इन्जेक्टेबल हाइड्रोजेल

(प्रारंभिक परीक्षा : सामान्य विज्ञान)

संदर्भ

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने बोस इंस्टीट्यूट कोलकाता के सहयोग से स्तन कैंसर (localised breast cancer) उपचार के लिए एक उन्नत इंजेक्टेबल हाइड्रोजेल (injectable hydrogel )विकसित किया है। 

क्या है हाइड्रोजेल (Hydrogels)

  • हाइड्रोजेल जल आधारित, तीन आयामी (3D) बहुलक नेटवर्क(polymer networks) हैं जो तरल पदार्थ को अवशोषित करने और उसे धारण करने में सक्षम होते हैं। 
  • इनकी अनूठी संरचना जीवित ऊतकों की नकल करती है, जिससे वे बायोमेडिकल अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त हो जाते हैं।
  • हाइड्रोजेल, अल्ट्रा-शॉर्ट पेप्टाइड्स (प्रोटीन के बायोकम्पैटिबल और बायोडिग्रेडेबल बिल्डिंग ब्लॉक) से बने होते हैं जिन्हें जैविक तरल पदार्थों में अघुलनशील रहने के लिए डिज़ाइन किया गया है। 
    • जो यह सुनिश्चित करते है कि यह इंजेक्शन साइट पर स्थानीयकृत रहे। 
    • यह ट्यूमर कोशिकाओं में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले अणु ग्लूटाथियोन (GSH) के बढ़े हुए स्तरों पर प्रतिक्रिया करता है।
    • उच्च GSH स्तर का सामना करने पर, हाइड्रोजेल सीधे ट्यूमर में एक नियंत्रित दवा जारी करता है, जिससे स्वस्थ ऊतकों के साथ इसकी अंतःक्रिया न्यूनतम हो जाती है और प्रणालीगत दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं।

प्रीक्लिनिकल परीक्षण

  • शोधकर्ताओं द्वारा खोजी गई यह नवीन हाइड्रोजेल प्रणाली ट्यूमर तक सटीक दवा पहुँचाने, दुष्प्रभावों को कम करने और उपचार की प्रभावकारिता को बढ़ाने में सक्षम बनाती है।
  • हाइड्रोजेल की जैविक वातावरण के साथ तालमेल बिठाने की क्षमता इसे सटीक दवा वितरण के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बनाती है।
  • शोधकर्ताओं के अनुसार हाइड्रोजेल ने स्तन कैंसर के म्यूरिन मॉडल पर प्रीक्लिनिकल परीक्षणों में उल्लेखनीय प्रभावकारिता दिखाई। 
  • यह वितरण प्रणाली कैंसर कोशिकाओं द्वारा दवा के अवशोषण में सुधार कर कोशिका चक्र को रोकती है तथा कोशिका मृत्यु को सक्रिय करती है, जो इसकी उच्च प्रभावकारिता को दर्शाता है।

आवश्यकता एवं महत्व 

  • शोधकर्ताओं के अनुसार कैंसर के मौजूदा कीमोथेरेपी (chemotherapy) और सर्जिकल हस्तक्षेप (surgical interventions) जैसे उपचारों में प्राय: कुछ सीमाएँ होती हैं। 
    • कई बार आंतरिक अंगों से ट्यूमर को सर्जिकल तरीके से हटाना संभव नहीं होता साथ ही, कीमोथेरेपी की प्रणालीगत डिलीवरी प्राय:  कैंसर और स्वस्थ दोनों कोशिकाओं को प्रभावित करके हानिकारक दुष्प्रभावों का कारण बनती है।
    • ऐसे में यह नवाचार इस कैंसर के उपचार को अधिक प्रभावी बनाने के साथ ही विभिन्न दुष्प्रभावों को भी कम करता है। 
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