प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिकी, आईडब्ल्यूडीसी, आईडब्ल्यूएआई, ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट-2023, मैरीटाइम इंडिया विजन-2030, सागरमाला परियोजना मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन, पेपर-1 |
संदर्भ:
8 जनवरी 2024 को अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद (आईडब्ल्यूडीसी) की पहली बैठक कोलकाता में संपन्न हुई, जिसमें 'हरित नौका' दिशानिर्देश और 'नदी क्रूज पर्यटन रोडमैप, 2047' लॉन्च किया गया।
प्रमुख बिंदु:
- केन्द्रीय पतन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानन्द सोनोवाल ने बैठक की अध्यक्षता की।
- इसका आयोजन भारत सरकार के बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के तहत अंतर्देशीय जलमार्गों के लिए नोडल एजेंसी, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) द्वारा किया गया।
- बैठक में नदी क्रूज पर्यटन के विकास के लिए 45,000 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता जताई, जिसमें-
- अनुमानित रूप से ₹35,000 करोड़ क्रूज़ जहाजों के लिए
- ₹10,000 करोड़ वर्ष 2047 तक क्रूज़ टर्मिनल बुनियादी ढांचे के विकास के लिए
- 8 जलमार्गों की वर्तमान परिचालन क्षमता से रिवर क्रूज़ पर्यटन के लिए उपयुक्त अतिरिक्त 26 जलमार्गों में क्षमता बनाने के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया।
- रात्रि विश्राम वाले क्रूज सर्किट की संख्या 17 से बढ़ाकर 80 कर दी जाएगी।
- नदी क्रूज टर्मिनलों की संख्या मौजूदा 15 से बढ़ाकर 185 तक की जाएगी।
- क्रूज पर्यटन यातायात को 2047 तक यात्री क्षमता दो लाख से बढ़ाकर 15 लाख किए जाने का लक्ष्य है।
- जलमार्ग बुनियादी ढांचे की प्रगति में वाराणसी, साहिबगंज और हल्दिया में मल्टीमॉडल टर्मिनलों की स्थापना, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाना शामिल है।
- कार्गो व्यापार के लिए अंतर्देशीय जलमार्गों को बढ़ाने की रणनीति के हिस्से के रूप में ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट के महत्त्व को रेखांकित किया।
- सरकार ने अक्टूबर 2023 में अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद की स्थापना की थी।
अंतर्देशीय जलमार्गों के संदर्भ में आईडब्ल्यूडीसी की बैठक के उद्देश्य:-
- बुनियादी ढांचे का विकास
- जल परिवहन क्षेत्र में सतत विकास को बढ़ावा देना
- देश में नदी क्रूज पर्यटन के विकास करना
- कार्गो व्यापार के लिए अंतर्देशीय जलमार्गों को बढ़ाना
- परिवहन की सुविधा और व्यापार गतिविधियों को बढ़ावा देना
- नीली अर्थव्यवस्था में अग्रणी बनने की दिशा में काम करना
- जटिल और गतिशील जलमार्गों को पुनर्जीवित करना
- अंतर्देशीय जलमार्गों की क्षमता का दोहन करना
अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई):
- 27 अक्टूबर 1986 को यह अस्तित्व में आया।
- इसका कार्य शिपिंग और नेविगेशन के लिए अंतर्देशीय जलमार्गों का विकास और विनियमन करना है।
- यह मुख्य रूप से शिपिंग मंत्रालय से प्राप्त अनुदान के माध्यम से राष्ट्रीय जलमार्गों पर बुनियादी ढांचे के विकास और रखरखाव के लिए परियोजनाएं चलाता है।
- इसका मुख्य कार्यालय नोएडा में है।
नोट: भारत में लगभग 14,500 किलोमीटर का नौगम्य जलमार्ग है, जिसमें नदियाँ, नहरें, बैकवाटर, खाड़ियाँ आदि शामिल हैं।
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ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट, 2023:
- 17 से 19 अक्टूबर को मुंबई में इस तीसरे संस्करण का आयोजन किया गया था।
- यह शिखर सम्मेलन देश के समुद्री क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए एक उत्कृष्ट मंच है।
- पी.एम. मोदी ने ‘अमृत काल विजन 2047′ का भी अनावरण किया।
- अमृत काल विजन 2047, मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 पर आधारित है
- इस विजन से जुड़ी 23,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, जो समुद्री ‘नीली अर्थव्यवस्था’ से जुड़ी हैं।
- इसके तहत अगली पीढ़ी के बड़े बंदरगाह, इंटरनेशनल कंटेनर ट्रांस-शिपमेंट पोर्ट, द्वीप विकास, अंतर्देशीय जलमार्ग और मल्टी-मॉडल हब जैसे कार्य किए जाएंगे।
- पीएम ने बताया कि-
- पिछले दशक में भारत में प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हो गई है।
- बड़े जहाजों के लिए जहाज पर से माल उतारने और लादने का समय 2014 में 42 घंटे की तुलना में अब 24 घंटे से भी कम हो गया है।
- तटीय बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सागरमाला परियोजना की चर्चा की।
- सरकार का ‘समृद्धि के लिए बंदरगाह और प्रगति के लिए बंदरगाह’ का विज़न जमीनी स्तर पर क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है।
- ‘उत्पादकता के लिए बंदरगाह’ के मंत्र को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
मैरीटाइम इंडिया विजन-2030:
- भारतीय समुद्री क्षेत्र का जीर्णोद्धार करने के उद्देश्य से 10 साल का ब्लूप्रिंट है।
- यह बंदरगाह परियोजनाओं में 3 लाख करोड़ रुपये के निवेश की परिकल्पना करता है; जिससे 20 लाख रोजगार के अवसर के सृजन का लक्ष्य है।
- इस पहल का अनावरण पीएम मोदी ने नवंबर 2020 में मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन में किया था।
- यह 2030 सागरमाला परियोजना का विस्तार है।
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सागरमाला परियोजना:
- यह भारत की 7,500 किमी लंबी तटरेखा, 14,500 किमी संभावित नौगम्य जलमार्ग और समुद्री क्षेत्र के व्यापक विकास के लिए एक राष्ट्रीय योजना है।
- सागरमाला अवधारणा को 25 मार्च 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था।
प्रश्न:- निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद का पहला संस्करण कोलकाता में संपन्न हुआ।
- सागरमाला परियोजना को 2018 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था।
- ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट,2023 का आयोजन कोलकाता में हुआ।
उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई नहीं
उत्तर- (a)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न: अंतर्देशीय जलमार्गों के संदर्भ में अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद की बैठक के उद्देश्यों की चर्चा कीजिए।
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