रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत की दूसरी परमाणु ऊर्जा संचालित पनडुब्बी, आईएनएस अरिघात को नौसेना में शामिल किया।
आई.एन.एस. अरिघात की विशेषताएँ
- आई.एन.एस. अरिघात अरिहंत श्रेणी की स्वदेशी परमाणु पनडुब्बियों की श्रृंखला में दूसरी पनडुब्बी है।
- इसके पहले आई.एन.एस. अरिहंत को वर्ष 2009 में नौसेना में शामिल किया गया था।
- यह पनडुब्बी 750 किमी. की रेंज वाली 12 K-15 सागरिका पनडुब्बी-लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइलों (SLBM) से लैस है।
- सागरिका एक हाइब्रिड प्रणोदन, दो-चरण, ठोस-प्रणोदक मिसाइल है जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है।
- आई.एन.एस. अरिघात अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बी का उन्नत संस्करण है। इसमें आईएनएस अरिहंत की तुलना में अधिक मिसाइल ले जाने की क्षमता है।
- एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वेसल परियोजना के तहत वर्ष 2017 में लॉन्च की गई इस पनडुब्बी को मूल रूप से आई.एन.एस. अरिधमन कहा जाता था, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर आईएनएस अरिघात कर दिया गया।
- INS अरिघात ज़मीन, हवा और समुद्र से परमाणु बम दागने की क्षमता को मज़बूत करेगी।