हाल ही में नौ-सैनिक डॉकयार्ड, विशाखापतनम में आयोजित एक समारोह में प्रोजेक्ट 28 (कामोर्ता क्लास) के अंतर्गत निर्मित राडार से बच निकलने वाले पनडुब्बी-रोधी युद्धपोत (ए.एस.डब्ल्यू.) आई.एन.एस. कवरत्ती (P31) को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया है।
इस तरह देश में निर्मित पनडुब्बी-रोधी चार युद्धपोतों में से अंतिम आई.एन.एस. कवरत्ती को भी औपचारिक रूप से नौ-सेना में शामिल कर लिया गया है।
निर्माण
इस युद्धपोत को भारतीय नौसेना के संगठन, ‘नौसेना डिज़ाइन निदेशालय’ (डी.एन.डी.) द्वारा डिज़ाइन किया गया है और जी.आर.एस.ई. (GRSE) द्वारा इसे निर्मित किया गया है।
इस युद्धपोत की लम्बाई 109 मीटर, चौड़ाई 14 मीटर और वजन 3300 टन है। आई.एन.एस. कवरत्ती को भारत में निर्मित हाई ग्रेड डी.एम.आर. 249A स्टील से बनाया गया है।
इस जहाज़ की अनूठी विशेषता, उत्पादन में शामिल किया गया स्वदेशीकरण का उच्च स्तर है, जो आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य को पूरा करता है।
विशेषता
इसका नाम लक्षद्वीप की राजधानी कवरत्ती के नाम पर रखा गया है। आई.एन.एस. कवरत्ती इसी नाम के तत्कालीन युद्धपोत अरनाला क्लास मिसाइल (आई.एन.एस. कवरत्ती-पी 80) का अवतार है।
यह भारत में निर्मित सर्वाधिक प्रभावशाली पनडुब्बी रोधी युद्धपोत है। इस युद्धपोत में राडार से बच निकलने की विशेषता है।
यह जहाज परमाणु, जैविक और रासायनिक (एन.बी.सी.) युद्ध की स्थिति में लड़ने के लिये अत्याधुनिक उपकरण और प्रणालियों के साथ उच्च स्वदेशी सामग्री से युक्त है।
साथ ही, इसमें प्रयुक्त हथियार और सेंसर सूट भी पूरी तरह से स्वदेशी हैं और इस क्षेत्र में राष्ट्र की विकास करने की क्षमता को दिखाते हैं।
स्वदेशी रूप से विकसित कुछ प्रमुख उपकरणों/प्रणालियों में कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम, टारपीडो ट्यूब लॉन्चर्स और इंफ्रा-रेड सिग्नेचर सप्लीमेंट सिस्टम आदि शामिल हैं।
आई.एन.एस. कवरत्ती में उन्नत ऑटोमेशन सिस्टम जैसे कि टोटल एटमॉस्फेरिक कंट्रोल सिस्टम (टी.ए.सी.एस.), इंटीग्रेटेड प्लेटफ़ॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम (आई.पी.एम.एस.), इंटीग्रेटेड ब्रिज सिस्टम (आई.बी.एस.), बैटल डैमेज कंट्रोल सिस्टम (बी.डी.सी.एस.) और पर्सन लोकेटर सिस्टम (पी.एल.एस.) उपलब्ध हैं।
पूर्व सेवाकाल
कवरत्ती की अपने पिछले अवतार में उल्लेखनीय सेवा रही है और इसका सेवाकाल लगभग दो दशकों का है।
इसने वर्ष 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में अपने अभियानों के जरिये अहम भूमिका निभाई और इसकी अनेक अन्य ऑपरेशनों में तैनाती की गई।
एक ऑपरेशन के दौरान इसने पाकिस्तानी व्यापारी जहाज बकीर को कब्जे में ले लिया था। वर्तमान अवतार में कवरत्ती समान रूप से ताकतवर और अधिक घातक है।