चर्चा में क्यों
हाल ही में, जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने ग्रेटर पन्ना भूदृश्य के लिये एकीकृत भूदृश्य प्रबंधन योजना (Integrated Landscape Management Plan For Greater Panna Landscape) की अंतिम रिपोर्ट जारी की है। इस योजना को भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) ने केन-बेतवा लिंक परियोजना के संबंध में तैयार किया है।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना में बाघ, गिद्ध और घड़ियाल जैसी प्रमुख प्रजातियों के बेहतर आवास संरक्षण और प्रबंधन के लिये प्रावधान किया गया हैं।
- यह जैव विविधता संरक्षण एवं वन आश्रित समुदायों के लिये समग्र रूप से भूदृश्य को समेकित करने की योजना है।
- इससे मध्य प्रदेश के ‘नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य’ और ‘दुर्गावती वन्यजीव अभयारण्य’ तथा उत्तर प्रदेश में ‘रानीपुर वन्यजीव अभयारण्य’ के साथ संपर्क को मजबूत करके इस भूदृश्य में बाघ रखने की क्षमता में वृद्धि की जा सकेगी।
केन-बेतवा लिंक परियोजना
- इस लिंक परियोजना के लिये केंद्रीय जल मंत्री तथा मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच मार्च 2021 में समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था, जिसके कार्यान्वयन के लिये दिसंबर, 2021 में भारत सरकार ने मंजूरी दी थी।
- यह परियोजना केंद्र सरकार द्वारा संचालित नदियों को जोड़ने वाली एक प्रमुख परियोजना है। इस परियोजना के माध्यम से नदियों को जोड़कर पानी को इसके अधिशेष वाले क्षेत्रों से कमी वाले या सूखाग्रस्त क्षेत्रों तक पहुँचाया जाएगा।
- इस परियोजना से दोनों राज्यों में विस्तृत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की कमी की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी। इससे मध्य प्रदेश के पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन तथा उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर ज़िलों को लाभ मिल सकेगा।