प्रारंभिक परीक्षा - वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम, पीएम गति शक्ति मुख्य परीक्षा के लिए : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 - सरकारी नीतियाँ |
सन्दर्भ
- वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को पीएम गति शक्ति योजना के साथ एकीकृत किया जायेगा।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम और पीएम गति शक्ति का एकीकरण क्यों ?
- पीएम गति शक्ति, इंफ्रास्ट्रक्चर कनेक्टिविटी परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन के लिए रेलवे और रोडवेज सहित 16 मंत्रालयों को एक साथ लाती है।
- वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को पीएम गति शक्ति योजना के साथ एकीकृत करके, कार्यक्रम के सुचारू कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने और प्रयासों के किसी भी दोहराव से बचने के लिए विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच बेहतर समन्वय हो सकता है।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम
- वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ योजना की घोषणा की गई।
- यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक लागू किया जायेगा।
- इस योजना पर 2022 से 2026 तक 4800 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे
- 4800 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन में से 2500 करोड़ रुपए का उपयोग सड़कों के लिए किया जाएगा।
- वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश तथा केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में चीन सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में 2967 गांवों की व्यापक विकास के लिए पहचान की गई है।
- कार्यक्रम के पहले चरण में, 46 ब्लॉक्स में 662 गांवों की लगभग 1 लाख 42 हज़ार की आबादी को कवर किया जाएगा।
- वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के द्वारा जिन प्रमुख उद्देश्यों को हासिल करने का प्रयास किया गया है उनमें- सभी मौसम अनुकूल सड़क, पेयजल, 24X7 सौर तथा पवन ऊर्जा पर केंद्रित विद्युत आपूर्ति, मोबाइल तथा इंटरनेट कनेक्टिविटी, पर्यटक केंद्र, बहुद्देशीय सेंटर तथा स्वास्थ्य एवं वेलनेस सेंटर- शामिल है।
- इस योजना के तहत आवासीय व पर्यटक केंद्रों का निर्माण, सड़क संपर्क तथा विकेंद्रित नवीनीकृत ऊर्जा स्त्रोतों का विकास किया जाएगा। साथ ही घरों तक दूरदर्शन और शिक्षा संबंधित चैनलों की सीधे पहुँच प्रदान की जाएगी तथा आजीविका के लिये सहयोग दिया जाएगा।
- इस योजना के अंतर्गत जिला प्रशासन द्वारा ग्राम पंचायतों के सहयोग से वाइब्रेंट विलेज एक्शन प्लान बनाए जाएंगे और केंद्र व राज्य की योजनाओं की शत-प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
- चीन ने विगत कुछ वर्षों में भारत के साथ-साथ भूटान और नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में मॉडल गाँवों का विकास किया है।
- वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को इन मॉडल गाँवों के प्रत्युत्तर के रूप में देखा जा रहा है।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के उद्देश्य
- भारत की उत्तरी सीमा के सीमावर्ती गांव में स्थानीय प्राकृतिक मानव और अन्य संसाधनों के आधार पर आर्थिक प्रेरकों की पहचान और विकास करना।
- वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) के समीप स्थित गावों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करना।
- लोगों को सीमावर्ती क्षेत्रों में अपने मूल स्थानों पर रहने के लिए प्रोत्साहित करना तथा इन गांवों से पलायन रोकना।
- सामाजिक उद्यमिता प्रोत्साहन, कौशल विकास तथा उद्यमिता के माध्यम से युवाओं व महिलाओं को सशक्त बनाकर “हब एंड स्पोक मॉडल”पर विकास केंद्रों को विकसित करना।
- स्थानीय संस्कृति, पारंपरिक ज्ञान और विरासत प्रोत्साहन के माध्यम से पर्यटन क्षमता का लाभ उठाना।
- समुदाय आधारित संगठनों, सहकारिता, एसएचजी, एनजीओ के माध्यम से “एक गांव एक उत्पाद” की अवधारणा पर स्थायी इको-एग्री बिजनेस का विकास करना।
प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना
योजना का नाम
|
प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना
|
आरंभ
|
2021
|
लक्ष्य
|
अवसंरचनात्मक संपर्क परियोजनाओं की एकीकृत योजना का निर्माण और उसका समन्वित कार्यान्वयन सुनिश्चित करना
|
उद्देश्य
- परियोजनाओं की लागत एवं समय में कमी करना।
- सरकार के साथ मिलकर काम करने वाले विभागों के मुद्दे को संबोधित करके कार्यों की ओवरलैपिंग को रोकना।
- रसद लागत को कम करने के अलावा, इस योजना का उद्देश्य व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कार्गो हैंडलिंग क्षमता को बढ़ाना और पोर्ट टर्नअराउंड समय को कम करना भी है।
महत्वपूर्ण विशेषताएं
- गति शक्ति एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो इंफ्रास्ट्रक्चर कनेक्टिविटी परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन के लिए रेलवे और रोडवेज सहित 16 मंत्रालयों को एक साथ लाएगा।
- इसमें भारतमाला, सागरमाला, अंतर्देशीय जलमार्ग, शुष्क / स्थलीय बंदरगाहों, उड़ान (UDAN) जैसी परियोजनाओं को सम्मिलित किया गया है।
- आगामी चरण में इसमें अस्पताल व विश्वविद्यालयों आदि जैसी सामाजिक अवसंरचना को भी समेकित किया जाएगा।
- 2019 में शुरू की गई राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन को भी गति शक्ति योजना में समाहित किया जाएगा।
- कनेक्टिविटी में सुधार करने और भारतीय व्यवसायों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए आर्थिक क्षेत्र जैसे कपड़ा क्लस्टर, फार्मास्युटिकल क्लस्टर, रक्षा गलियारे, इलेक्ट्रॉनिक पार्क, औद्योगिक गलियारे, मछली पकड़ने के क्लस्टर और कृषि क्षेत्र भी शामिल होंगे।
- यह बीआईएसएजी-एन द्वारा विकसित इसरो इमेजरी के साथ स्थानिक नियोजन उपकरणों सहित व्यापक रूप से प्रौद्योगिकी का लाभ उठाएगी।
- इससे असम्बद्ध योजना, मानकीकरण की कमी, मंजूरी में समस्या, समय पर निर्माण और अवसंरचना क्षमताओं के उपयोग जैसे लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों को दूर करने में मदद मिलेगी।
- यह भारत में माल और लोगों की निर्बाध आवाजाही की शुरूआत करेगा।
- पीएम गतिशक्ति आगामी संपर्क परियोजनाओं, अन्य व्यावसायिक केंद्रों, औद्योगिक क्षेत्रों और आसपास के वातावरण के बारे में सार्वजनिक और व्यावसायिक समुदाय को जानकारी प्रदान करेगा।
लक्ष्य
- गति शक्ति ने सभी बुनियादी ढांचा मंत्रालयों के लिए लक्ष्य निर्धारित किए हैं जो 2024-25 तक लक्ष्य हासिल किए जाने हैं -
- 11 औद्योगिक गलियारे और 2 नए रक्षा गलियारे (तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश)
- 38 इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर
- 109 फार्मा क्लस्टर
- भारतीय बंदरगाहों पर हैंडल किए जाने वाले कुल कार्गो में 1759 एमटीपीए तक की वृद्धि
- 200 से अधिक हवाईअड्डे, हेलीपैड और वाटर एयरोड्रोम
- सभी गांवों में 4जी कनेक्टिविटी का विस्तार
- गैस पाइपलाइन नेटवर्क में 17,000 किमी जोड़ने की योजना
- राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की लंबाई को 2 लाख किलोमीटर तक बढ़ाना
पीएम गति शक्ति के 6 स्तंभ है -
1. व्यापकता
- इसमें एक केंद्रीकृत पोर्टल में विभिन्न मंत्रालयों तथा विभागों की सभी मौजूदा और नियोजित पहलों का विवरण शामिल होगा।
- परियोजनाओं के व्यापक नियोजन और निष्पादन के क्रम में महत्वपूर्ण डेटा का आदान - प्रदान करते हुए प्रत्येक विभाग को एक-दूसरे की गतिविधियों से अवगत रहने की सुविधा होगी।
2. प्राथमिकता
- इसके माध्यम से विभिन्न विभाग विविध क्षेत्रों से संबंधित पारस्परिक व्यवहार के जरिए अपनी परियोजनाओं को प्राथमिकता देने में सक्षम होंगे।
3. अनुकूलन
- यह राष्ट्रीय मास्टर प्लान महत्वपूर्ण खामियों की पहचान के बाद विभिन्न परियोजनाओं की योजना बनाने में विभिन्न मंत्रालयों की सहायता करेगा।
- माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए, यह मास्टर प्लान समय और लागत की दृष्टि से अधिकतम उपयोगी मार्ग चुनने में मदद करेगा।
4. तादात्म्य
- अलग-अलग मंत्रालय और विभाग अक्सर एक – दूसरे से अलग – थलग होकर काम करते हैं, परियोजनाओं के नियोजन एवं क्रियान्वयन को लेकर उनके बीच समन्वय का अभाव होता है जिसके परिणामस्वरूप विलम्ब होता है।
- पीएम गतिशक्ति प्रत्येक विभाग की गतिविधियों के साथ-साथ शासन – प्रणाली की विभिन्न परतों के बीच काम का समन्वय सुनिश्चित करके उनके बीच समग्र रूप से सामंजस्य स्थापित करने में मदद करेगी।
5. विश्लेषणात्मक
- यह मास्टर प्लान जीआईएस आधारित स्थानिक नियोजन एवं 200 से अधिक परतों वाले विश्लेषणात्मक उपकरणों के जरिए एक ही स्थान पर संपूर्ण डेटा प्रदान करेगा, जिससे कार्यान्वन से जुड़ी एजेंसी को अपना कामकाज करने में सुविधा होगी।
6. गतिशील
- सभी मंत्रालय और विभाग अब जीआईएस प्लेटफॉर्म के माध्यम से विविध क्षेत्रों से संबंधित परियोजनाओं की प्रगति की परिकल्पना, समीक्षा और निगरानी करने में सक्षम होंगे, क्योंकि उपग्रह इमेजरी समय-समय पर धरातल पर होने वाली प्रगति की जानकारी देगी और उसके अनुरूप परियोजनाओं की प्रगति से संबंधित जाकारी को नियमित रूप से पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा।
- यह कदम इस मास्टर प्लान को आगे बढ़ाने और उसे अपडेट करने से संबंधित महत्वपूर्ण उपायों की पहचान करने में मदद करेगा।
|