लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उज्बेकिस्तान के ताशकंद में अंतर-संसदीय संघ (Inter-Parliamentary Union : IPU) की 150वीं सभा को संबोधित किया। ‘सामाजिक विकास एवं न्याय के लिए संसदीय कार्रवाई’ विषय पर संबोधन में उन्होंने भारतीय संविधान की समावेशी व कल्याणकारी प्रकृति पर जोर दिया।
अंतर संसदीय संघ के बारे में
- क्या है : यह राष्ट्रीय स्तर के संसदों का वैश्विक संगठन है जो संसदीय कूटनीति को सुगम बनाता है तथा विश्व भर में शांति, लोकतंत्र एवं सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए संसदों व सांसदों को सशक्त बनाता है।
- स्थापना : वर्ष 1889 में
- वर्तमान सदस्य : 182 पूर्णकालिक और 15 एसोसिएट सदस्य
- आदर्श वाक्य : ‘लोकतंत्र के लिए, सभी के लिए’
- दृष्टिकोण : एक ऐसे विश्व का निर्माण करना, जहाँ हर आवाज मायने रखती हो तथा जहाँ लोकतंत्र एवं संसद शांति व विकास के लिए लोगों की सेवा में कार्यरत हों।
- मुख्यालय : जिनेवा, स्विटजरलैंड
अंतर संसदीय संघ के लक्ष्य
- लोकतांत्रिक शासन, संस्थाओं एवं मूल्यों को बढ़ावा देना
- संसदों और सांसदों के साथ मिलकर लोगों की ज़रूरतों व आकांक्षाओं को व्यक्त करना तथा उनका जवाब देना
- राजनीतिक संवाद, सहयोग व संसदीय कार्रवाई के ज़रिए शांति, लोकतंत्र, मानवाधिकार, लैंगिक समानता, युवा सशक्तिकरण, जलवायु कार्रवाई एवं सतत विकास के लिए कार्य करना