New
The Biggest Holi Offer UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 12 March Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back The Biggest Holi Offer UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 12 March Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back

ब्याज समानीकरण योजना

णिज्य विभाग ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (MSMEs) निर्यातकों के लिए शिपमेंट से पूर्व एवं पश्चात रुपया निर्यात ऋण के लिए ब्याज समानीकरण योजना (Interest Equalisation Scheme) को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है।

क्या है ब्याज समानीकरण योजना

  • भारत सरकार ने पात्र निर्यातकों के लिए शिपमेंट के पहले एवं बाद में रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज समानीकरण योजना की घोषणा की थी।
    • 1 अप्रैल, 2015 को शुरू हुई यह योजना शुरुआत में पाँच वर्षों के लिए वैध थी।
    • इसमें कोविड के दौरान एक वर्ष के विस्तार के साथ-साथ आगे भी विस्तार एवं फंड आवंटित किया गया है।
  • वर्तमान में यह योजना व्यापारी व निर्माता निर्यातकों को शिपमेंट से पहले एवं बाद में रुपया निर्यात ऋण पर 2% तथा सभी एम.एस.एम.ई. निर्माता निर्यातकों को 3% की दर से ब्याज समानीकरण लाभ प्रदान करती है।
  • यह योजना निधि की दृष्टि से सीमित नहीं थी और इसका लाभ सभी निर्यातकों को बिना किसी सीमा के दिया गया था।
    • इस योजना को अब निधि की दृष्टि से सीमित कर दिया गया है और निर्यातक को दिया जाने वाला लाभ प्रति आयात निर्यात कोड प्रतिवर्ष 10 करोड़ रुपये तक सीमित कर दिया गया है। 
  • इसके अलावा जो बैंक निर्यातकों को 4% से अधिक की औसत दर पर ऋण देते हैं, उन्हें इस योजना के तहत वर्जित कर दिया जाएगा।

योजना का कार्यान्वयन 

  • यह योजना भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा उन विभिन्न सार्वजनिक और गैर-सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से कार्यान्वित की जाएगी जो निर्यातकों को शिपमेंट से पहले एवं बाद में ऋण प्रदान करते हैं।
  • इस योजना की निगरानी एक परामर्शी तंत्र के माध्यम से विदेशी व्यापार महानिदेशालय (DGFT) और आर.बी.आई. द्वारा संयुक्त रूप से की जाती है।

ब्याज समानीकरण योजना का प्रभाव

  • अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए निर्यात क्षेत्र के लिए प्रतिस्पर्धी दरों पर शिपमेंट के पहले एवं बाद में पैकिंग क्रेडिट की उपलब्धता महत्वपूर्ण है।
  • इस योजना का प्रभाव देश के निर्यात वृद्धि के लिए लाभदायक रहा है। यह योजना मुख्यत: श्रम प्रधान क्षेत्रों के लिए है। इन सघन रोजगार वाले क्षेत्रों और एम.एस.एम.ई. की ओर से निर्यात बढ़ने से देश में रोजगार सृजन होगा।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X