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इंटरल्यूकिन- 35

चर्चा में क्यों ?

  • शोधकर्ताओं ने एक विशिष्ट प्रोटीन इंटरल्यूकिन 35 (IL-35) की खोज की है 
  • यह प्रोटीन सूजन पैदा करने वाले रसायनों का उत्पादन करने वाली विशेष प्रतिरक्षा कोशिकाओं को घटाकर प्रतिरक्षा प्रणाली की रक्षा करता है।

प्रमुख बिंदु 

  • यह प्रोटीन मधुमेह उपचार के लिए एक नया विकल्प है
  • इसकी खोज विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उन्नत अध्ययन संस्थान, गुवाहाटी ने की है 

लाभ

  • इससे अग्नाशय कोशिका के होने वाले प्रभाव को कम किया जाता है ,जो टाइप 1 मधुमेह और स्व-प्रतिरक्षा मधुमेह मेलेटस में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता है। 
  • यह टाइप 1 और  स्वप्रतिरक्षा मधुमेह से बचने में मदद करता है
  • यह मैक्रोफेज सक्रियण, टी-सेल प्रोटीन और नियामक बी कोशिकाओं को नियंत्रित करता है
  • यह  अग्नाशयी सेल के प्रभाव को कम करता है जो टाइप 1 मधुमेह और स्वप्रतिरक्षा मधुमेह मेलेटस में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हैं

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में उन्नत अध्ययन संस्थान (IASST) गुवाहाटी

  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में उन्नत अध्ययन संस्थान (IASST) की स्थापना वर्ष 1979 में असम विज्ञान सोसायटी द्वारा की गई थी
  • उद्देश्य -पूर्वोत्तर क्षेत्र में एक प्रमुख शोध संस्थान की स्थापना करना , ताकि विशेष रूप से पूर्वोत्तर और सामान्य रूप से देश की समस्याओं से निपटा जा सके।
  • इस संस्थान का उद्घाटन 3 नवंबर 1979 को नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. डोरोथी हॉजकिन ने किया था। 
  • इसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (भारत सरकार) के तहत एक स्वायत्त संस्थान का दर्जा प्राप्त है 

प्रश्न - विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में उन्नत अध्ययन संस्थान (IASST) गुवाहटी की स्थापना कब हुई थी ?

(a) वर्ष 1970

(b) वर्ष 1975

(c) वर्ष 1976

(d) वर्ष 1979

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