(प्रारंभिक परीक्षा: सामान्य अधययन प्रथम प्रश्नपत्र : पर्यावरण एवं पारिस्थिकी ,समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3 प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन :संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।)
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चर्चा में क्यों
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट अलायंस (International Big Cat Alliance Framework: IBCA) फ्रेमवर्क आधिकारिक तौर पर लागू हो गया है।
![Big-Cat-Alliance](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images/Big-Cat-Alliance.jpg)
- इसके बाद IBCA एक पूर्ण विकसित संधि-आधारित अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन और अंतर्राष्ट्रीय कानूनी इकाई बन चुका है।
- हस्ताक्षरकर्ता देश: भारत ,लाइबेरिया,निकारागुआ, इस्वातिनी और सोमालिया।
अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट अलायंस (IBCA)
- शुभारंभ : IBCA को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 अप्रैल 2023 को ‘प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में’ शुरू किया था।
- मुख्यालय : नई दिल्ली (भारत )
- उद्देश्य : सात बड़ी बिल्ली कि प्रजातियों बाघ (tiger), शेर (lion), तेंदुआ (leopard) , हिम तेंदुआ (snow leopard), चीता (cheetah), जगुआर (jaguar) और प्यूमा (puma) का संरक्षण एवं उनसे जुड़े खतरों और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ाना
- लक्ष्य : गठबंधन के ढाँचे का लक्ष्य सतत विकास और आजीविका सुरक्षा के शुभंकर के रूप में बड़ी बिल्लियों के साथ संरक्षण एजेंडे को आगे बढ़ाने में पारस्परिक लाभ के लिए देशों के बीच सहयोग करना
- सदस्य: अब तक भारत सहित 27 देशों द्वारा IBCA में शामिल होने पर सहमति
- पात्रता : इसमें सभी संयुक्त राष्ट्र के देश एवं उक्त प्रजातियों को आश्रय देने वाले रेंज के देश और गैर-रेंज वाले देश सदस्यता के लिए पात्र हैं, जहाँ ये प्रजातियाँ नहीं पाई जाती हैं।
- नोडल संस्था : राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA)
IBCA के प्रमुख कार्य
- सभी हितधारकों के बीच सहयोग और तालमेल को सुविधाजनक बनाना
- वैश्विक स्तर पर बड़ी बिल्लियों के संरक्षण के एक साझा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सफल संरक्षण प्रथाओं और विशेषज्ञता को समेकित करना
- संरक्षण एजेंडे को मजबूत करना, बड़ी बिल्लियों की आबादी में गिरावट को रोकना और वर्तमान रुझानों को बदलना
- तकनीकी जानकारी और निधियों के एक केंद्रीय सामान्य भंडार तक पहुँच प्रदान करना
- संरक्षण और सुरक्षा पर वर्तमान प्रजाति-विशिष्ट अंतर-सरकारी प्लेटफार्मों, नेटवर्क और अंतर्राष्ट्रीय पहलों को मजबूत करना
- पारिस्थितिक भविष्य को सुरक्षित करने और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने में सहायता करना
इसे भी जानिए
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प्रजातियाँ
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IUCN स्टेटस
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वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (WPA, 1972)
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बाघ (Tiger)
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संकटग्रस्त (EN)
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अनुसूची1
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चीता (Cheetah)
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एशियाई:गंभीर रूप से संकटग्रस्त (CR)
अफ्रीकी: संवेदनशील (VU)
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अनुसूची 1
अनुसूची 1
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तेंदुआ (Leopard)
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संवेदनशील (VU)
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अनुसूची 1
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शेर (Lion)
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संवेदनशील (VU)
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अनुसूची 1
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हिमतेंदुआ (Snow Leopard)
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संवेदनशील (VU)
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अनुसूची 1
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जगुआर (jaguar)
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संकटापन्न (NT)
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प्यूमा (puma)
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संकटमुक्त (LC)
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इसे भी जानिए
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA)
- स्थापना: वर्ष 2005 मेंवन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत स्थापित वैधानिक निकाय
- नोडल मंत्रालय : पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
- उद्देश्य: प्रोजेक्ट टाइगर और भारत में विभिन्न बाघ अभयारण्यों का प्रबंधन
- प्रमुख कार्य:
- प्रोजेक्ट टाइगर को वैधानिक अधिकार प्रदान करना ताकि इसके निर्देशों का विधिक रूप से अनुपालन हो सके।
- संघीय ढांचे के भीतर राज्यों के साथ समझौता ज्ञापन के लिए आधार प्रदान करके, टाइगर रिजर्व के प्रबंधन में केंद्र-राज्य की जवाबदेही को बढ़ावा देना।
- संसद द्वारा निगरानी की व्यवस्था करना।
- टाइगर रिजर्व के आसपास के क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के आजीविका हितों को संबोधित करना।
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प्रोजेक्ट टाइगर :
- आरंभ: वर्ष 1973
- मंत्रालय:पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
- उद्देश्य:बंगाल टाइगर और उसके आवासों की रक्षा करना और बाघों की आबादी को बनाए रखने के लिए समर्पित बाघ रिजर्व स्थापित करना
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