महाकुंभ 2025 में पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए 16 से 18 फरवरी के बीच तीन दिवसीय इंटरनेशनल बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण प्रेमियों, पक्षी विज्ञानियों और श्रद्धालुओं को पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियों से अवगत कराना और उनके संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
प्रमुख कार्यक्रम
पक्षी अवलोकन (Bird Watching)
200 से अधिक प्रजातियों के प्रवासी और स्थानीय पक्षियों का संगम।
श्रद्धालु इंडियन स्कीमर, फ्लेमिंगो और साइबेरियन क्रेन जैसी दुर्लभ प्रजातियों का दीदार कर सकेंगे।
साइबेरिया, मंगोलिया, अफगानिस्तान सहित 10+ देशों से हजारों प्रवासी पक्षी गंगा-यमुना तटों पर पहुंचे हैं।
जागरूकता और संरक्षण प्रयास
पक्षी विज्ञानियों, पर्यावरणविदों और संरक्षण विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी सत्र और पैनल चर्चा।
पक्षियों के प्रवास, पारिस्थितिकी संतुलन और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर विस्तृत चर्चा।
पर्यावरणीय स्थिरता को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता बढ़ाने का प्रयास।
महत्व
यह आयोजन पर्यावरण संतुलन और जैव विविधता संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
युवाओं और शोधकर्ताओं को प्रकृति से जोड़ने और उनकी जिम्मेदारी को समझाने का अवसर प्रदान करेगा।
श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों के महत्व और संरक्षण की प्रेरणा देगा।
यह इंटरनेशनल बर्ड फेस्टिवल भारतीय संस्कृति, प्रकृति प्रेम और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अनूठा संगम होगा, जो भविष्य में पर्यावरणीय संरक्षण के लिए एक प्रेरणा बनेगा।
प्रश्न - 16 से 18 फरवरी के बीच तीन दिवसीय इंटरनेशनल बर्ड फेस्टिवल का आयोजन कहाँ किया जाएगा ?