हाल ही में माइकल हॉफमैन द्वारा अनुवादित जेनी एर्पेनबेक के उपन्यास 'कैरोस' को अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2024 मिला
जेनी एर्पेनबेक अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार की पहली जर्मन विजेता हैं
'कैरोस' पूर्वी जर्मनी के अस्तित्व के अंतिम वर्षों के दौरान एक उलझे हुए प्रेम संबंध की कहानी है।
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार
इसकी स्थापना गैर-अंग्रेजी भाषाओं में साहित्य को मान्यता देने के लिए की गई थी।
यह पुरस्कार प्रतिवर्ष उस सर्वश्रेष्ठ उपन्यास को प्रदान किया जाता है जिसका अंग्रेजी में अनुवाद किया गया हो और जिसे यूके या आयरलैंड में प्रकाशित किया गया है।
इस पुरस्कार का उद्देश्य दुनिया भर में गुणवत्तापूर्ण उपन्यासों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है
इसमें 50,000 पाउंड की पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है जो लेखक और अनुवादक के बीच समान रूप से विभाजित की जाती है।
इसके अलावा, शॉर्टलिस्ट किए गए लेखकों और अनुवादकों को भी 2,500 पाउंड दिए जाते हैं।