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अंतर्राष्ट्रीय तुलना कार्यक्रम और भारतीय अर्थव्यवस्था

(प्रारम्भिक परीक्षा : राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ; मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 : विषय : महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश।)

हाल ही में, विश्व बैंक ने अंतर्राष्ट्रीय तुलना कार्यक्रम (International Comparison Program-ICP) के तहत संदर्भ वर्ष 2017 के लिये नई क्रय शक्ति समताएँ (Purchasing Power Parities- PPPs) जारी की हैं, जो विश्व भर की सभी अर्थव्यवस्थाओं में वस्तुओं की मात्रा और उनके सापेक्ष मूल्यों में अंतर को दर्शाती हैं।

  • वैश्विक रूप से176 अर्थव्यवस्थाओं ने आई.सी.पी. के 2017 चक्र में भाग लिया।
  • अंतर्राष्ट्रीय तुलना कार्यक्रम (आई.सी.पी.),संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग (UN Statistical Commission– UNSC) के दिशा निर्देश के तहत दुनिया की सबसे बड़ी आँकड़ा-संग्रह पहल है, जिसका लक्ष्य क्रय शक्ति समताओं (पी.पी.पी.) को दर्शाना है, जो सभी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तुलना किये जाने के लिये आवश्यक हैं।
  • पी.पी.पी. के आलावा,आई.सी.पी. के द्वारा मूल्य स्तर सूचकांकों (Price Level Indices-PLI) और जी.डी.पी. व्यय के अन्य क्षेत्रीय तुलनात्मकमापों की जानकारी भी होती है।
  • भारत ने वर्ष 1970 में इसकी शुरूआत के बाद से लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय तुलना कार्यक्रमों में भाग लिया है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय भारत के लिये राष्ट्रीय कार्यान्वयन एजेंसी (National Implementing Agency - NIA) है, जिसके पास राष्ट्रीय आई.सी.पी. से जुड़े कार्यों की योजना निर्माण, समन्वयन तथा कार्यान्वयन की ज़िम्मेदारी है।
  • आई.सी.पी. वर्ष2017 चक्र के लिये आस्ट्रिया के साथ भारत आई.सी.पी. गवर्निंग बोर्ड का सह अध्यक्ष भी नियुक्त हुआ है।

वैश्विक स्थिति :

  • सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) स्तर पर प्रति डॉलर के मुकाबले भारतीय रूपए की क्रय शक्ति समता (पी.पी.पी.) वर्ष 2017 में 20.65 है जो वर्ष 2011 में 15.55 थी। भारतीय रूपए की अमेरिकी डॉलर के साथ विनिमय दर इसी अवधि के दौरान 46.67 के मुकाबले अब 65.12 हो गई है।
  • इसके अनुसार ही बाज़ार विनिमय दर की क्रय शक्ति समता के अनुपात (या मूल्य स्तर सूचकांक) का उपयोग भारतीय अर्थव्यवस्था की कीमत के स्तरों की तुलना के लिये किया जाता है, जो वर्ष 2011 में 42.99 के तुलना में वर्ष 2017 में 47.55 हो गई है।

भारत की स्थिति :

  • वर्ष 2017 में, तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत ने अपनी वैश्विक स्थिति को न सिर्फ बनाये रखा है बल्कि इसे और मज़बूत किया है, जो क्रमशः चीन (16.4 %) और अमेरिका (16.3 %) की तुलना में पी.पी.पी. के लिहाज़ से वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) का 6.7 % (वैश्विक रूप से कुल 119,547 बिलियन अमेरिकी डॉलर में से 8,051 बिलियन अमेरिकी डॉलर) था।
  • भारत वैश्विक वास्तविक एकल उपभोग एवं वैश्विक सकल पूँजी निर्माण में अपनीक्रय शक्ति समता आधारित हिस्से के लिहाज़ से भी विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

क्षेत्रीय स्थिति: एशिया-प्रशांत क्षेत्र :

  • वर्ष 2017 में, भारत ने दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी क्षेत्रीय स्थिति बनाये रखी जो पी.पी.पी. के लिहाज से क्षेत्रीय सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) का 20.83 प्रतिशत (एशिया प्रशांत के कुल 232,344 बिलियन हांगकांग डॉलर में से 48,395 हांगकांग डॉलर) था, जहां चीन का प्रतिशत 50.76 प्रतिशत (प्रथम) तथा इंडोनेशिया का 7.49 प्रतिशत (तृतीय) था।
  • भारत क्षेत्रीय वास्तविक एकल उपभोग एवं क्षेत्रीय सकल पूँजी निर्माण में अपने पी.पी.पी. आधारित हिस्से के लिहाज़ से भी दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
  • एशिया प्रशांत क्षेत्र में 22 प्रतिभागी देशों के बीच सकल घरेलू उत्पाद के हिसाब से प्रति हांगकांग डॉलर पर भारतीय रूपए की क्रय शक्ति समानता (पी.पी.पी.) वर्ष 2017 में 3.43 रही जबकि वर्ष 2011 में यह 2.97 थी। भारतीय रूपए से हांगकांग डॉलर की विनिमय दर इसी अवधि की तुलना में 6.00 से बढ़कर अब 8.36 हो गई है। भारत का मूल्य स्तर सूचकांक (पी.एल.आई.) वर्ष 2011 के 71.00 की तुलना में वर्ष 2017 के लिये 64.00 हो गया।

क्रय शक्ति समता (PPP) :

  • क्रय शक्ति समता का अर्थ किन्हीं दो देशों के बीच वस्तु या सेवा की कीमत में प्रभावी अंतर से है, सामान्यतया इससे किसी देश की अर्थव्यवस्था के आकार का पता लगाया जा सकता है।
  • इसके द्वारा यह पता लगाया जा सकता है कि दो देशों के बीच मुद्रा की क्रय शक्ति में कितना अंतर या कितनी समानता है। मुद्रा विनिमय दर (Currency Exchange Rate) तय करने में भी इसकी विशेष भूमिका होती है।
  • आसान शब्दों में किसी देश में एक डॉलर मेंयदि कोई वस्तु मिलती है तो वही वस्तु भारत में कितने रूपए (या किसी भी देश की मुद्रा, जिससे समता निकालनी है) में मिल रही है। वस्तु की मात्र और मूल्य में जो भी मौजूदा अंतर होगा, उससे हमारे देश की मुद्रा की कीमत तय हो जाएगी।
  • क्रय शक्ति समता के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पर आय की तुलना भी की जाती है, किसी देश की गरीबी के स्तर को नापने के लिये भी यह एक बेहतर माध्यम है।

(स्रोत: पी.आई.बी.)

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