चर्चा में क्यों?
- हाल ही में अमेरिका द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय के दो उच्च अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने के बाद ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया सहित 72 देशों ने अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय को अपना अटूट समर्थन देने की बात कही है।
- ध्यातव्य है कि आई.सी.सी. ने इस वर्ष की शुरुआत में अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य कर्मियों के खिलाफ युद्ध अपराधों की जांच शुरू की थी। अमेरिका ने इस जाँच को अनुचित बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया था।
अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (International Criminal Court - ICC)
- अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय का गठन 17 जुलाई, 1998 को अपनाए गए रोम संविधि (Rome Statute) के ज़रिये हुआ था तथा इसने 1 जुलाई 2002 से अपना कार्य प्रारंभ किया।
- इसका मुख्यालय हेग (नीदरलैंड्स) में है। अंग्रेजी और फ्रेंच इसकी 2 कार्यकारी भाषाएँ हैं, जबकि अरबी, चीनी, अंग्रेज़ी, फ्रेंच, रूसी व स्पेनिश इसकी 6 आधिकारिक भाषाएँ हैं।
- यह एक अंतर-सरकारी संगठन (Intergovernmental Organisation) है तथा इसे ‘अंतर्राष्ट्रीय अधिकरण (International Tribunal)’ का दर्ज़ा भी प्राप्त है।
- जब कोई देश किसी अंतर्राष्ट्रीय अपराध में लिप्त अपने किसी नागरिक को दंड देने में विफल रहता है तो ‘अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय’ उस देश के न्यायिक तंत्र की मदद करता है।
- यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् द्वारा सौंपे गए मामलों की भी सुनवाई करता है तथा कोई राष्ट्र भी अंतर्राष्ट्रीय कानूनों से सम्बंधित मामले स्वेच्छा से यहाँ स्थानांतरित कर सकता है।
- आई.सी.सी. के 4 प्रमुख अंग (Organs) हैं-
i. अध्यक्ष पद (The Presidency)
ii. न्यायिक विभाग (The Judicial Divisions)
iii. अभियोजन कार्यालय (The Office of Prosecutor)
iv. रजिस्ट्री (The Registry)
- यह निम्नलिखित अंतर्राष्ट्रीय अपराधों में लिप्त किसी व्यक्ति (Individual) को भी दण्डित करने के लिये अधिकृत है। अर्थात इसका क्षेत्राधिकार निम्नलिखित विषयों पर है-
i. नरसंहार से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय अपराध (International Crime of Genocide)
ii. युद्ध अपराध (War Crime)
iii. मानवता के विरुद्ध अपराध (Crime against Humanity)
iv. आक्रमण का अपराध (Crime of Aggression)
- ध्यातव्य है कि ‘अंतर्राष्ट्रीय न्यायलय (आई.सी.जे.)’ तथा ‘अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायलय (आई.सी.सी.)’ दोनों एक-दूसरे से पृथक निकाय हैं, मगर दोनों का मुख्यालय ‘हेग, नीदरलैंड्स’ में ही अवस्थित है।
रोम संविधि (Rome Statute)
यह अंतर्राष्ट्रीय न्यायलय के लिये ‘आधारभूत व अभिशासी दस्तावेज़ (Fundamental and Governing Document)’ है। ‘रोम संविधि’ वास्तव में एक बहुपक्षीय संधि है, इसका अनुसमर्थन करने वाले देश स्वतः ही आई.सी.सी. के सदस्य बन जाते हैं।