संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के रूप में घोषित किया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस पर वनों एवं इससे संबंधित गतिविधिओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जाता है।
फ़ॉरेस्ट मैन: जादव पायेंग
वन अनुसंधान केंद्र : देहरादून
भारत का पहला वन उपचार केंद्ररानीखेत, उत्तराखंड में स्थापित किया गया है।
भारत में, भारतीय वन अधिनियम, 1927 उन प्रक्रियाओं को परिभाषित करता है जो किसी क्षेत्र को सुरक्षित वन, संरक्षित वन या ग्राम वन घोषित करती हो। यह वन अपराध को भी परिभाषित करता है।
छत्तीसगढ़, शहरी क्षेत्र में वन संसाधन अधिकारों को मान्यता देने वाला पहला राज्य है।
भारत वन स्थिति रिपोर्ट, 2021 के अनुसार, देश का कुल वन और वृक्ष आवरण 80.9 मिलियन हेक्टेयर है। यह देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 24.62% है। इसमें वनावरण क्षेत्र 21.71%, जबकि वृक्षावरण क्षेत्र लगभग 2.91% है।
देश के कुल वन और वृक्ष आवरण में वर्ष 2019 की तुलना में 2261 वर्ग किमी. की वृद्धि दर्ज की गई है।
वन क्षेत्र में सर्वाधिक वृद्धि दर्शाने वाले शीर्ष तीन राज्य; आंध्र प्रदेश (647 वर्ग किमी.), तेलांगना (632 वर्ग किमी.) तथा ओडिशा (537 वर्ग किमी.) हैं।
क्षेत्रफल की दृष्टि से सर्वाधिक वन क्षेत्र वाला राज्य मध्य प्रदेश है। इसके बाद क्रमशः अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा तथा महाराष्ट्र हैं।
कुल भौगोलिक क्षेत्र के प्रतिशत के रूप में वनाच्छादन के मामले में, शीर्ष पाँच राज्य; मिज़ोरम (84.53%), अरुणाचल प्रदेश (79.33%), मेघालय (76.00%), मणिपुर (74.34%) और नागालैंड (73.90%) हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 17 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों का भौगोलिक क्षेत्र 33% से अधिक वन आच्छादित है।
लक्षद्वीप, मिज़ोरम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में 75% से अधिक क्षेत्र वनाच्छादित है।