(प्रारंभिक परीक्षा : अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 3- आपदा और आपदा प्रबंधन।)
संदर्भ
हाल ही में, शर्म अल-शेख में आयोजित जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) के कॉप-27 के दौरान स्पेन एवं सेनेगल ने अंतर्राष्ट्रीय सूखा लचीलापन गठबंधन (International Drought Resilience Alliance : IDRA) की शुरुआत की है।
गठबंधन के उद्देश्य
- यह गठबंधन सूखे की स्थिति से बेहतर तरीके से निपटने में सदस्य देशों को सहायता प्रदान करेगा।
- इस गठबंधन का उद्देश्य वर्ष 2030 तक सूखे और जलवायु परिवर्तन के लिये भूमि के लचीलेपन को एक वास्तविक स्वरुप देने हेतु राजनीतिक प्रोत्साहन प्रदान करना है।
- विदित है कि आई.डी.आर.ए. की घोषणा सर्वप्रथम सितंबर 2022 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र में स्पेन द्वारा की गई थी, जिसे आधिकारिक तौर पर मिस्र में लॉन्च किया गया है।
गठबंधन का महत्त्व
- वर्तमान में मरुस्थलीकरण का मुकाबला करने के लिये संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (United Nations Convention to Combat Desertification: UNCCD) के अतिरिक्त मरुस्थलीकरण पर केंद्रित कोई भी वैश्विक सम्मेलन नहीं है, ऐसे में इस गठबंधन का महत्त्व बढ़ जाता है।
- 30 देशों एवं 20 संगठनों का यह गठबंधन राष्ट्रीय विकास में सूखे के प्रतिरोध को प्राथमिकता देने और एक-दूसरे के साथ प्रौद्योगिकी एवं विशेषज्ञता साझा करने के लिये एक प्रभावी समूह है।
- यह गठबंधन संयुक्त राष्ट्र को सूखे के प्रभाव को कम करने के लिये एक “विशिष्ट समाधान” प्रदान करता है।
वित्तीयन
- गठबंधन के कार्यों का समर्थन करने और अधिक संसाधन जुटाने के लिये स्पेन द्वारा 5 मिलियन यूरो (40.76 करोड़ रुपए) के सीड फंड की घोषणा की गयी है।
- इस गठबंधन के तहत केन्या के राष्ट्रपति ने आगामी 10 वर्षों में 10 अरब वृक्षारोपण की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
सूखे की स्थिति
- सूखा विश्व के लगभग प्रत्येक हिस्से में पशुधन और फसलों के लिये सबसे गंभीर खतरे का प्रतिनिधित्व करता है।
- यह विकासशील देशों के साथ-साथ विकसित देशों के सतत् विकास के लिये सबसे बड़े खतरों में से एक है।
- विदित है कि वर्तमान दौर में जलवायु परिवर्तन की स्थिति में सूखे की बारंबारता और तीव्रता में पहले की तुलना में वृद्धि देखी जा रही है।
सूखा पर यू.एन.सी.सी.डी. की रिपोर्ट
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- यू.एन.सी.सी.डी. द्वारा जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2000 के बाद से सूखे की आवृत्ति में 29 % की वृद्धि हुई है जिससे प्रतिवर्ष लगभग 55 मिलियन लोग प्रभावित हुए हैं।
- वर्ष 2022 में यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, चिली, हॉर्न अफ्रीका और दक्षिणी अफ्रीका में सूखे की भयावह स्थिति को देखा गया है।
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