पृष्ठभूमि
- हाल ही में, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) प्राधिकरण ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (बैंकिंग) विनियम, 2020 को मंजूरी प्रदान की है।
- बैंकिंग, आई.एफ.एस.सी. के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से एक है और इससे निश्चित समय में आई.एफ.एस.सी. में अन्य घटक परिचालनों के संचालन को सुगम बनाने की उम्मीद की जाती है।
- यह आई.एफ.एस.सी. में अनुमन्य होने वाले बैंकिंग परिचालन के विभिन्न पहलुओं के लिये नियमों को लागू करने का मार्ग प्रशस्त करता है।
बैंकिंग विनियम के मुख्य पहलू
- आई.एफ.एस.सी. बैंकिंग इकाइयों (IBUs) की स्थापना के लिये आवश्यकताओं को पूरा करना।
- भारत के बाहर निवास करने वाले व्यक्तियों (नेटवर्थ $ 1 मिलियन से कम न हो) को आई.एफ.एस.सी. बैंकिंग इकाइयों में स्वतंत्र रूप से परिवर्तनीय मुद्रा में विदेशी मुद्रा खाता खोलने की अनुमति देना।
- भारत में रहने वाले व्यक्तियों (नेटवर्थ $ 1 मिलियन से कम न हो) को भारतीय रिज़र्व बैंक की उदारीकृत प्रेषण योजना (LRS) के तहत किसी अनुमति प्राप्त करंट अकाउंट या पूँजीगत लेखा लेन-देन या इनके किसी भी संयोजन के लिये स्वतंत्र रूप से परिवर्तनीय मुद्रा में विदेशी मुद्रा खाते खोलने की अनुमति देना।
- ऋण वृद्धि, क्रेडिट बीमा और बिक्री, पोर्टफोलियो की खरीदारी सहित विभिन्न गतिविधियों की अनुमति देना।