अंतर्राष्ट्रीय लिनेक्स दिवस प्रतिवर्ष 11 जून को मनाया जाता है। यह दिवस पहली बार 11 जून, 2019 को मनाया गया था।
अंतर्राष्ट्रीय लिनेक्स दिवस ‘3लिनेक्स-ट्रांसबाउन्ड्री परियोजना’ (3Lynx-Transboundary Project) की एक सहयोगात्मक पहल है।
इस दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में लिनेक्स के बारे में जनता को शिक्षित करना, संरक्षण प्रयासों को प्रेरित करना और इन राजसी जीवों की सुरक्षा में सफलताओं को उजागर करना है।
लिनेक्स के बारे में
लिनेक्स बड़ी बिल्ली (Big Cat) परिवार का एक सदस्य है, जो उत्तरी अमेरिका, एशिया एवं यूरोप में पाया जाता है।
यह अपने कानों के गुच्छे, लंबे फर एवं असाधारण शिकार कौशल के लिए जाना जाता है।
लिनेक्स के अंतर्गत बिल्ली की चार प्रजातियाँ आती हैं :
यूरेशियन लिनेक्स (Lynx lynx)
कनाडा लिनेक्स (Lynx canadensis)
इबेरियन लिनेक्स (Lynx pardinus)
बॉबकैट (Lynx rufus)
बॉबकैट, कनाडा लिनेक्स तथा यूरेशियन लिनेक्स IUCN की लाल सूची में संकटमुक्त (Least Concern) के रूप में सूचीबद्ध हैं जबकि इबेरियन लिनेक्स लुप्तप्राय (Endangered) के रूप में सूचीबद्ध है।
पारिस्थितिकी तंत्र में लिनेक्स का महत्व
लिनेक्स अपने प्राकृतिक आवासों में शीर्ष शिकारियों के रूप में कार्य करते हैं जो पारिस्थितिकी तंत्र संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।
ये हिरण एवं छोटे स्तनधारियों जैसे शाकाहारी जानवरों का शिकार करके इनकी आबादी को नियंत्रित करते हैं, अतिचारण को रोकते हैं और वनस्पति विकास को बढ़ावा देते हैं।
लिनेक्स के समक्ष चुनौतियाँ
लिनेक्स को मुख्यत: आवास हानि एवं विखंडन की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
लिनेक्स को उनके फर एवं शारीरिक अंगों के लिए अवैध शिकार से भी गंभीर खतरा है।
जलवायु परिवर्तन उनके आवासों में परिवर्तन करके और शिकार की उपलब्धता को प्रभावित करके लिनेक्स को प्रभावित करता है।
भारत में लिनेक्स की स्थिति
चार लिनेक्स प्रजातियों में से यूरेशियन लिनेक्स भारत में पाई जाती है।
भारत में इनके निवास स्थान लद्दाख, जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और देश के उत्तर-पूर्वी भागों में सीमित क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
भारत में यूरेशियन लिनेक्स को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची-I के अंतर्गत रखा गया है।
एशियाई यूरेशियन लिनेक्स को प्रवासी प्रजाति संरक्षण अभिसमय (Convention on the Conservation of Migratory Species) के परिशिष्ट II में सूचीबद्ध किया गया है, जो प्रवासी जानवरों और उनके आवासों के संरक्षण एवं सतत उपयोग के लिए संयुक्त राष्ट्र की एक संधि है।