खाद्य एवं कृषि के लिए अंतर्राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन संधि
प्रारंभिक परीक्षा
(अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी)
मुख्य परीक्षा
(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन)
संदर्भ
खाद्य एवं कृषि के लिए अंतर्राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन संधि (ITPGRFA) पर एड हॉक ओपन-एंडेड वर्किंग ग्रुप की 12वीं बैठक 19 सितंबर, 2024 को रोम (इटली) में संपन्न हुई।
इस बैठक में ITPGRFA के तहत स्थापित बहुपक्षीय प्रणाली को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की गई। खाद्य सुरक्षा और टिकाऊ कृषि के लिए ये चर्चाएँ महत्वपूर्ण हैं।
ये खाद्यान्न की बढ़ती माँग, लचीली कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने और संसाधनों तक समान पहुँच सुनिश्चित करने जैसी प्रमुख चुनौतियों का समाधान करती हैं।
ITPGRFA संधि
खाद्य एवं कृषि के लिए अंतर्राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन संधि (ITPGRFA) को संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन द्वारा 3 नवंबर, 2001 को अपनाया गया था।
इस समझौते पर 2001 में मैड्रिड में हस्ताक्षर किए गए तथा यह 29 जून, 2004 को लागू हुआ।
यह विश्व की खाद्य फसलों के पारंपरिक संरक्षक के रूप में स्वदेशी लोगों और छोटे किसानों के विशाल योगदान को औपचारिक रूप से स्वीकार करने वाला पहला कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतर्राष्ट्रीय दस्तावेज है।
कानूनी रूप से बाध्यकारी इस संधि में खाद्य एवं कृषि से संबंधित सभी पादप आनुवंशिक संसाधन शामिल हैं। यह जैव विविधता अभिसमय के अनुरूप है।
इस संधि का उद्देश्य खाद्य एवं कृषि के लिए सभी पादप आनुवंशिक संसाधनों का संरक्षण व सतत उपयोग तथा उनके उपयोग से होने वाले लाभों का जैव विविधता अभिसमय के अनुरूप सतत कृषि एवं खाद्य सुरक्षा के लिए उचित व न्यायसंगत बंटवारा करना है।
यह राष्ट्रों से उन बीजों को बचाने और उपयोग करने के अपने अधिकारों की रक्षा करने तथा उन्हें बढ़ावा देने का भी आह्वान करता है जिनकी देखभाल उन्होंने सहस्राब्दियों से की है।
बैठक के मुख्य निष्कर्ष
जानकारी साझाकरण :डिजिटल अनुक्रम सूचना (DSI) और सभी के लिए उचित लाभ सुनिश्चित करने के लिए पौधों की आनुवंशिक जानकारी को जिम्मेदारी से साझा करना।
अनुलग्नक I का विस्तार : इसमें खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाने वाली 35 खाद्य फसलों और 29 चारा फसलों की सूची है। समूह ने इस बात पर चर्चा की कि क्या देशों के बीच साझाकरण को आसान बनाने के लिए अधिक महत्वपूर्ण पौधों की प्रजातियों को भी जोड़ा जाए।
लाभ साझाकरण के लिए भुगतान संरचना : प्रतिनिधियों ने इस बात पर विचार किया कि वनस्पति संसाधनों के साझाकरण के लिए उचित मूल्य कैसे निर्धारित किया जाए, ताकि संसाधन प्रदाताओं को उचित मुआवजा मिल सके।