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इंटरपोल की मैच फिक्सिंग टास्क फोर्स

चर्चा में क्यों

हाल ही में, इंटरपोल की मैच फिक्सिंग टास्क फोर्स (IMFTF) की 12 वीं बैठक का आयोजन किया गया।इसटास्क फोर्स में भारत के केंद्रीय जांच ब्यूरो ने भी भाग लिया है।

प्रमुख बिंदु

  • इस बैठक में संबंधित क्षेत्र में प्रौद्योगिकी, बिग डाटा और सोशल मीडिया के उभरते हुए उपयोगों को देखते हुए सट्टेबाजी और खेल बाजारों में आपराधिक सिंडिकेट के संदर्भ में परिचर्चा की गई।
  • इस बैठक के दौरान मैकोलिन कन्वेंशन में उल्लिखित सुझावों पर भी चर्चा कि गई।इन सुझावों के अंतर्गत अनियमित और संदिग्ध प्रवृत्तियों पर जानकारी को केंद्रीकृत और विश्लेषित करने के लिये राष्ट्रीय प्लेटफार्मों की स्थापना महत्त्वपूर्ण है।
  • विदित है कि वर्ष 2011 में इंटरपोलने आई.एम.एफ.टी.एफ. का गठन किया था।यह मैच फिक्सिंग और खेल में भ्रष्टाचार से निपटने के लिये दुनिया भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को एक साथ लाता है।
  • इसके अतिरिक्त इंटरपोलनेहालहीमें वित्तीय अपराध और भ्रष्टाचार विरोधी केंद्र की भी स्थापना की है।

मैकोलिन कन्वेंशन

  • खेल प्रतियोगिताओं के हेरफेर पर यूरोप कन्वेंशन की परिषद् को मैकोलिन कन्वेंशन के रूप में जाना जाता है।
  • मैकोलिन कन्वेंशन एक कानूनी साधन है, जो खेल प्रतियोगिताओं में हेरफेर पर एक अंतर्राष्ट्रीय कानून है।
  • यह एक बहुपक्षीय संधि है जिसका उद्देश्य मैच फिक्सिंग की जाँच करना है। इसे 1 सितंबर, 2019 को लागू किया गया और 32 देशों ने इस पर हस्ताक्षर कियेहैं।
  • यह सार्वजनिक प्राधिकरणों से खेल प्रतियोगिताओं में हेरफेर को रोकने के लिये खेल संगठनों, सट्टेबाजी संचालकों और प्रतियोगिता आयोजकों के साथ सहयोग करने का अनुरोध करता है।
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