कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने निवेशक दीदी पहल के दूसरे चरण का शुभारंभ किया।
निवेशक दीदी पहल के बारे में
- क्या है : एक वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम
- कार्य : महिला डाक कर्मियों एवं स्थानीय समुदाय के नेतृत्वकर्ताओं की पहचान करना और उन्हें वित्तीय शिक्षक (निवेशक दीदी) बनने के लिए प्रशिक्षित करना
- प्रारंभ :
- प्रथम चरण का शुभारंभ : वर्ष 2023 में
- द्वितीय चरण का शुभारंभ : अप्रैल 2025 से
- समझौता : कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के तत्वावधान में ‘विनिधानकर्ता शिक्षा एवं संरक्षण निधि प्राधिकरण’ (IEPFA) और डाक विभाग के अंतर्गत संचालित इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने संयुक्त रूप से ‘निवेशक दीदी’ पहल के दूसरे चरण को शुरू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।
पहल की प्रमुख विशेषताएँ
- प्रथम चरण
- 55,000 से अधिक ग्रामीण लाभार्थी शामिल
- चरण 1 में 60% प्रतिभागी महिलाएँ
- हर तीन प्रतिभागियों में से दो सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से
- द्वितीय चरण
- 4,000 से अधिक वित्तीय साक्षरता शिविर शामिल होंगे।
- 40,000 महिला डाक कर्मियों को निवेशक दीदी के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा।
- जमीनी स्तर पर सहभागिता एवं सामुदायिक विश्वास निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
विनिधानकर्ता शिक्षा एवं संरक्षण निधि प्राधिकरण (IEPFA) के बारे में
- क्या है : कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत एक वैधानिक निकाय
- स्थापना : कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 125 की उप-धारा (5) के तहत
- उद्देश्य : निवेशकों की शिक्षा, जागरूकता व सुरक्षा को बढ़ावा देना तथा आई.ई.पी.एफ. निधि का प्रशासन करना
- इसने बड़े पैमाने पर जनता के बीच निवेशक शिक्षा की गति तीव्र करने के लिए व्यापक गतिविधियाँ शुरू की हैं।
- लक्ष्य : वित्तीय तौर पर जागरूक भारत का निर्माण करना
- जिससे प्रत्येक व्यक्ति के पास अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उपकरण और जानकारी हो।
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के बारे में
- इसकी स्थापना संचार मंत्रालय के डाक विभाग के अंतर्गत की गई है जिसकी 100% इक्विटी भारत सरकार के स्वामित्व में है।
- इसकी शुरुआत 1 सितंबर, 2018 को हुई थी।
- इसकी स्थापना भारत में आम आदमी के लिए सबसे सुलभ, किफायती एवं भरोसेमंद बैंक बनाने के उद्देश्य से की गई है।
- इसका मूल उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों के लिए बाधाओं को दूर करना और डाक नेटवर्क का लाभ उठाते हुए अंतिम छोर तक पहुँचना है।
- यह भारत के 5.57 लाख गाँवों एवं कस्बों में 11 करोड़ ग्राहकों को 13 भाषाओं में उपलब्ध सहज इंटरफेस के माध्यम से सरल व किफायती बैंकिंग समाधान प्रदान करता है।
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