(प्रारंभिक परीक्षा: अंतर्राष्ट्रीय संगठन) |
चर्चा में क्यों
हाल ही में, भारत को इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (IPEF) आपूर्ति श्रृंखला परिषद का उपाध्यक्ष चुना गया है।
IPEF आपूर्ति श्रृंखला परिषद के बारे में
- यह परिषद 14 सदस्यीय IPEF समूह द्वारा गठित तीन निकायों में से एक है।
- स्थापना : आपूर्ति श्रृंखला परिषद की स्थापना IPEF आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन समझौते के तहत की गई थी।
- यह समझौता मई 2023 में संपन्न हुआ और 24 फरवरी 2024 को लागू हुआ।
- समझौते का उद्देश्य आपूर्ति श्रृंखला झटकों से आर्थिक व्यवधानों के जोखिम को कम करने, संकट समन्वय में सुधार करने और सदस्य देशों की चीन पर निर्भरता को कम करने में मदद करना है।
- उद्देश्य : राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और आर्थिक कल्याण जैसे अति महत्वपूर्ण क्षेत्रों में वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने के लिए लक्षित कार्रवाई करना है।
- अन्य दो निकाय :
- संकट प्रतिक्रिया नेटवर्क: यह आपातकालीन या आसन्न व्यवधानों के लिए सामूहिक आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए एक मंच प्रदान करता है।
- श्रम अधिकार सलाहकार बोर्ड: यह क्षेत्रीय आपूर्ति श्रृंखलाओं में श्रम अधिकारों और कार्यबल विकास को मजबूत करने के लिए श्रमिकों, नियोक्ताओं और सरकारों को एक साथ लाने का कार्य करता है।
IPEF के बारे में
- स्थापना: 2022 टोक्यो (जापान) में।
- सदस्य (14): ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम और USA।
- उद्देश्य: इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में विकास, शांति और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए भागीदार देशों के बीच आर्थिक जुड़ाव को मजबूत करना।
- चार स्तंभ: व्यापार (स्तंभ 1); आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन (स्तंभ II); स्वच्छ अर्थव्यवस्था (स्तंभ III); और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था (स्तंभ IV)।
- भारत IPEF के स्तंभ II से IV में शामिल हो गया है, जबकि इसने स्तंभ-I में पर्यवेक्षक का दर्जा बनाए रखा है।
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