संदर्भ
16 जनवरी, 2025 को एक अभूतपूर्व कूटनीतिक सफलता के रूप में इजरायल और हमास के मध्य युद्ध विराम समझौते को लागू करने पर सहमति हुई। 7 अक्तूबर, 2023 को गाजा पट्टी से हमास द्वारा इज़रायल पर हमले के बाद इजरायल और हमास के मध्य युद्ध शुरू हुआ था।
इजराइल-हमास युद्ध विराम समझौते के बारे में
- लागू होने की तिथि : 19 जनवरी, 2025
- मध्यस्थता : मिस्र, कतर एवं अमेरिका द्वारा
- संघर्ष की अवधि : गाजा में 460 दिनों से अधिक समय तक युद्ध चला।
- तीन चरणीय वार्ता : युद्ध विराम समझौते के तीन चरण होंगे।
- यह इस प्रकार का दूसरा समझौता है, इससे पूर्व 31 मई, 2024 को पहला समझौता हुआ था जो विफल रहा था।
युद्ध विराम समझौते का प्रथम चरण
- समयावधि : प्रथम चरण 6 सप्ताह (42 दिन) तक चलेगा।
- कैदी विनिमय
- हमास : 33 इज़रायली बंदियों (महिलाएं, बच्चे, 50 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक) को रिहा किया गया।
- इजराइल : बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया, जिनमें 7 अक्तूबर के बाद हिरासत में लिए गए लगभग 1,000 कैदी भी शामिल हैं।
- इज़रायली सैन्य वापसी
- सैनिक गाजा की सीमा के अंदर 700 मीटर से अधिक पीछे नहीं हटेंगे (नेत्ज़ारिम कॉरिडोर को छोड़कर)।
- 50वें दिन तक फिलाडेल्फिया कॉरिडोर से पूर्ण वापसी।
- मानवीय सहायता
- गाजा पट्टी में प्रतिदिन 600 ट्रक तक सहायता पहुंचाने की अनुमति है।
- नागरिकों को उत्तरी गाजा लौटने की अनुमति दी गई।
- घायल फिलिस्तीनियों के लिए चिकित्सा निकासी की व्यवस्था।
- इस चरण के शुरू होने के सात दिन बाद मिस्र के साथ राफा क्रॉसिंग से आवागमन।
समझौते का द्वितीय चरण
- स्थितियाँ:
- हमास को सभी शेष बंदियों (मुख्यतः पुरुष सैनिकों) को रिहा करना होगा।
- इजराइल गाजा से ‘पूर्ण वापसी’ लागू करेगा।
- चुनौतियाँ:
- अति दक्षिणपंथी इज़रायली कैबिनेट सदस्यों का विरोध।
- इस चरण की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए बातचीत।
- डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में निर्णय पर निर्भरता।
समझौते का तीसरा चरण
- प्रमुख प्रस्ताव : 3-5 वर्ष की अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण योजना के लिए बंदियों के शवों का आदान-प्रदान।
- शासन योजना : अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ फिलीस्तीनी प्राधिकरण के नेतृत्व में अंतरिम प्राधिकरण।
- अरब देशों से अल्पकालिक सुरक्षा बल, फिलिस्तीनी राज्य के मार्ग पर सशर्त।
- शासन व्यवस्था और राज्य का दर्जा पाने के मार्ग पर मतभेद बने हुए हैं।
युद्ध विराम के बाद की चुनौतियाँ
- शासन अनिश्चितता
- युद्ध विराम के बाद गाजा के प्रशासन पर विवाद।
- अमेरिका समर्थित अंतरिम प्राधिकरण को इज़रायली सांसदों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है।
- राज्य का दर्जा पाने का मार्ग
- फिलिस्तीनी राज्य की दिशा में प्रगति पर अरब राज्यों से समर्थन निर्भर है।
- ओस्लो समझौते में पूर्व प्रतिबद्धताओं के बावजूद इजरायल की हिचकिचाहट।