प्रारम्भिक परीक्षा – न्यायिक सुधार मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र –2 |
चर्चा में क्यों
24 जुलाई 2023 को इजरायली संसद ने न्याय प्रणाली को आकार देने वाली योजना को मंजूरी दे दी ।
प्रमुख बिंदु
- न्यायपालिका सरकारी निर्णयों को इस आधार पर रद्द नहीं कर सकती की यह अनुचित हैं।
- यह बिल संसद को निर्णय बदलने की शक्ति देता है अनिर्वाचित न्यायाधीशों के अधिकार को सीमित करता है।
- न्याय मंत्री ने अनुसार संसद ने न्यायपालिका में सुधार की एक ऐतिहासिक प्रक्रिया में यह पहला कदम उठाया है।
- संसदीय निर्णयों को चुनौती देने की सर्वोच्च न्यायालय की क्षमता को सीमित करता है
- न्यायाधीशों के चयन के तरीके में भी व्यापक बदलाव करता है।
- अनिर्वाचित न्यायाधीशों की शक्तियों पर अंकुश लगाता है।
- यह कानून इजरायल में न्यायपालिका के अधिकार को सीमित करता है एवं सरकार के शक्तियों में विस्तार करता है ।
- विधेयक सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को पलटने एवं संसद को जजों की नियुक्ति में अधिकार देता है ।
- कानून को लेकर यह कहा गया कि इसके जरिए सुप्रीम कोर्ट को सरकार और संसद के बराबर लाया गया है।
- नए कानून के तहत 120 सीटों वाली इस्राइली संसद में 61 सांसदों के साधारण बहुमत से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को रद्द किया जा सकेगा।
- इस्राइल में लिखित संविधान नहीं है, इसलिए वहां शासन तंत्र में संतुलन बनाए रखने में सुप्रीम कोर्ट की महत्त्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है।
आलोचना
- यह न्यायपालिका की शक्ति कमजोर करने वाला है।
- यह सुधार उस प्रणाली को भी बदल देगा जिसके माध्यम से न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाती है। इससे न्यायपालिका में राजनेताओं को अधिक नियंत्रण प्राप्त होगा ।
- यह इस्राइली लोकतंत्र की बुनियादी ढांचे को बदल देगा ।
प्रश्न : हाल ही में किस देश की संसद ने न्यायपालिका में बुनियादी परिवर्तन के किए चर्चा में रही
(a) इस्राइली संसद (b) भारतीय संसद (c) पाकिस्तानी संसद (d) नेपाली संसद
उत्तर: (a)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : कार्यपालिका द्वारा न्यायपालिका की शक्तियों में हस्तक्षेप न्याय की अवधारणा को संकुचित करता है । परीक्षण कीजिए ।
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