चर्चा में क्यों
हाल ही में, इज़रायल के प्रधानमंत्री ने बहरीन की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा की। इसे अत्यधिक ऐतिहासिक माना जा रहा है।
यात्रा का महत्त्व
- इस यात्रा को इज़रायल और खाड़ी देशों (बहरीन, कुवैत, इराक, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात) के मध्य विकसित हो रहे संबंधों का संकेत माना जा रहा है।
- इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष के कारण इन सात खाड़ी देशों के साथ इजरायल के संबंधों में कड़वाहट आ गई थी।
- इस यात्रा का लक्ष्य अब्राहम समझौते में व्यापार, जन संपर्क सहित अन्य आयामों को जोड़ना है। यह अमेरिका के सहयोग से वर्ष 2020 में इज़रायल और संयुक्त अरब अमीरात के मध्य हस्ताक्षरित 'अब्राहम समझौते' के पश्चात प्रमुख बैठक है।
- उल्लेखनीय है दिसंबर 2021 में पहली बार इज़रायल के किसी प्रधानमंत्री ने संयुक्त अरब अमीरात का दौरा किया था।
- दोनों पक्षों ने एशिया और यूरोप के बीच वस्तुओं की आवाजाही के साथ-साथ यहूदी एवं मुस्लिम आर्थिक उद्यमियों व व्यापारियों द्वारा इज़राइल और बहरीन के भौगोलिक लाभों का उपयोग करने पर चर्चा की।
अब्राहम समझौता
- सितंबर 2020 में इज़रायल ने बहरीन तथा यू.ए.ई. के साथ सामान्यीकरण समझौतों पर हस्ताक्षर किये। इसको सामूहिक रूप से अब्राहम समझौते के नाम से जाना जाता है।
- यह समझौता ईरान का मुकाबला करने के लिये खाड़ी देशों के क्षेत्रीय सुरक्षा एजेंडा का हिस्सा है। इसके तहतइज़रायल, वेस्ट बैंक के बड़े हिस्से पर कब्ज़ा करने की अपनी योजना को विराम देने पर सहमत हो गया है।