संदर्भ
हाल ही में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पी.एस.एल.वी.-सी53 (PSLV-C53) मिशन से सिंगापुर के तीन उपग्रहों का प्रक्षेपण किया है। साथ ही, पी.एस.एल.वी. ऑर्बिटल प्रायोगिक मॉड्यूल (PSLV Orbital Experimental Module: POEM) को भी सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया है।
क्या है पी.ओ.ई.एम.
- पी.ओ.ई.एम. एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के अंतिम चरण (PS4) को एक प्रायोगिक प्लेटफॉर्म में बदल देगा।
- पी.एस.एल.वी. एक चार चरणों वाला रॉकेट है, जिसके पहले तीन चरण वापस समुद्र में गिर जाते हैं, वहीं अंतिम चरण उपग्रह को कक्षा में लॉन्च करने के पश्चात् अंतरिक्ष अपशिष्ट के रूप में परिवर्तित हो जाता है।
- पी.एस.एल.वी.-सी 53 मिशन के अंतिम एवं चौथे चरण को एक स्थिर मंच (Stabilised Platform) के रूप में उपयोग किया जाएगा। यह चरण पृथ्वी की परिक्रमा करेगा तथा प्राथमिक मिशन के बाद यह कक्षा में कुछ परीक्षण करेगा।
पी.ओ.ई.एम. की स्थिरता एवं जीवनकाल
- इसरो के अनुसार, पी.ओ.ई.एम. में चौथे चरण के स्थिरीकरण के लिये एक समर्पित नेविगेशन मार्गदर्शन और नियंत्रण (Navigation Guidance and Control: NGC) प्रणाली प्रयोग की गई है, जो निर्धारित सीमा के भीतर इसके झुकाव को नियंत्रित करेगा।
- एन.जी.सी. निर्दिष्ट सटीकता के साथ इसे स्थिर करने के लिये प्लेटफ़ॉर्म के मस्तिष्क के रूप में कार्य करेगा।
- इस चरण में लगे सोलर पैनल एवं ली-आयन बैटरी से यह अपनी ऊर्जा प्राप्त करेगा। यह चार सन सेंसर, एक मैग्नेटोमीटर और नाविक (NavIC) का उपयोग कर नेविगेशन भी करेगा।
- यह हीलियम गैस भंडारण का उपयोग कर समर्पित नियंत्रण प्रणोदक (Control Thrusters) रखता है। यह दूरसंचार सुविधा से भी युक्त है।
इसरो द्वारा पी.एस.4 रॉकेट का पूर्व में परीक्षण
- इसरो ने पहली बार वर्ष 2019 में पी.एस.एलवी.-सी 44 मिशन के साथ पी.एस.4 को ऑर्बिटल प्लेटफॉर्म के रूप में उपयोग करने की क्षमता का प्रदर्शन किया था। इस मिशन के चौथे चरण को अंतरिक्ष आधारित प्रयोगों के लिये एक कक्षीय मंच के रूप में रखा गया था।
- उस मिशन में चौथे चरण में ली-आयन बैटरी का उपयोग किया गया था,जबकि इस बार ली-आयन बैटरी के साथ सौलर पैनल का भी उपयोग किया गया है।