प्रारंभिक परीक्षा – ISRO, पुन: उपयोग लॉन्च वाहन स्वायत्त लैंडिंग मिशन (RLV LEX) मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3 – अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ |
सन्दर्भ
- हाल ही में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा DRDO तथा भारतीय वायु सेना की सहायता से एरोनॉटिकल टेस्ट रेंज, चित्रदुर्ग(कर्नाटक) में पुन: उपयोग लॉन्च वाहन स्वायत्त लैंडिंग मिशन (RLV LEX) का सफलतापूर्वक संचालन किया गया।
पुन: उपयोग लॉन्च वाहन स्वायत्त लैंडिंग मिशन (RLV LEX)
- इस मिशन के लिए भारतीय वायु सेना (IAF) के चिनूक हेलीकॉप्टर का उपयोग पुन: उपयोग लॉन्च वाहन को 4.5 किमी की ऊंचाई से गिराने के लिए किया गया था।
- पूर्व निर्धारित पिलबॉक्स पैरामीटर प्राप्त हो जाने के बाद, RLV के मिशन प्रबंधन कंप्यूटर कमांड के आधार पर आरएलवी को हवा में 4.5 किमी की ऊंचाई पर छोड़(रिलीज) दिया गया।
- रिलीज स्थिति के निर्धारण में स्थिति, वेग, ऊंचाई और बॉडी रेट आदि को कवर करने वाले 10 पैरामीटर शामिल थे।
- RLV ने एकीकृत नेविगेशन, मार्गदर्शन और नियंत्रण प्रणाली का उपयोग करते हुए सफलतापूर्वक स्वायत्त लैंडिंग की।
- इस मिशन में कई स्वदेशी प्रणालियों का उपयोग किया।
- मिशन में प्रयुक्त स्यूडोलाइट सिस्टम, इंस्ट्रूमेंटेशन और सेंसर सिस्टम आदि पर आधारित स्थानीयकृत नेविगेशन सिस्टम, इसरो द्वारा विकसित किए गए थे।
पुन: उपयोग लॉन्च वाहन(RLV)
- पुन: उपयोग लॉन्च वाहन एक ऐसा लॉन्च वाहन है, जिससे अंतरिक्ष में एक से अधिक बार पेलोड लॉन्च किया जा सकता है।
- RLV के विकास का प्रमुख लाभ अंतरिक्ष प्रक्षेपण और अंतरिक्ष यात्रा की लागत में कमी होना है।
- पुन: उपयोग लॉन्च वाहन से उपग्रहों को कक्षा में लॉन्च करने की लागत में 80 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है।
- RLV का अंतिम उद्देश्य और उपग्रहों सहित अंतरिक्ष में मानवयुक्त मिशन भेजना है।