(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय) |
संदर्भ
केंद्र सरकार ने अस्पतालों द्वारा अंग प्रत्यारोपण गतिविधियों के आँकड़ें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ साझा नहीं करने पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
भारत में अंग प्रत्यारोपण की स्थिति
- राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) की रिपोर्ट, 2023-24 के अनुसार :
- वर्ष 2023 में देश में कुल 18,378 अंग प्रत्यारोपण किए गए।
- मृतक-दाता प्रत्यारोपण वर्ष 2013 में 837 से बढ़कर वर्ष 2023 में 2,935 हो गया।
- 63% जीवित दाता महिलाएँ थीं जबकि मृत दाता पुरुष 77% थे।
- प्राप्तकर्ताओं में 30% महिलाएँ थीं, जिसमें से 47% से अधिक महिलाओं में फेफड़े का प्रत्यारोपण किया गया था।
- 1,851 अंग प्रत्यारोपण विदेशी नागरिकों में किए गए हैं, उसके बाद क्रमशः राजस्थान व पश्चिम बंगाल के निवासियों में प्रत्यारोपण किया गया है।
अंग प्रत्यारोपण संबंधित हालिया मुद्दे
- आंकड़ों को अद्यतन करने में कमी : राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे गए एक पत्र में अंग प्रत्यारोपण आंकड़ों को अद्यतन करने में प्रत्यारोपण अस्पतालों के गैर-अनुपालन की जाँच के लिए सक्षम प्राधिकारी के तत्काल हस्तक्षेप का आह्वान किया है।
- यह गंभीर रूप से चिंतनीय है कि कई पंजीकृत प्रत्यारोपण अस्पताल लगातार अंग प्रत्यारोपण गतिविधियों पर दैनिक एवं मासिक डाटा प्रस्तुत करने तथा राष्ट्रीय प्रत्यारोपण रजिस्ट्री पर प्रत्यारोपण को पंजीकृत करने में विफल रहे हैं।
- इस तरह का गैर-अनुपालन NOTTO की अपने अनिवार्य दायित्वों को पूरा करने की क्षमता को कमजोर करता है और देश भर में अंगदान दरों को बढ़ाने के व्यापक उद्देश्य को बाधित करता है।
- 48 घंटे के भीतर ऑनलाइन डाटा अपडेट
- केंद्र ने राज्य स्वास्थ्य सचिवों से अस्पतालों एवं प्रत्यारोपण केंद्रों को निर्देश देने को कहा है कि वे मृतक के साथ-साथ जीवित दाताओं एवं प्राप्तकर्ताओं से संबंधित व्यापक डाटा मासिक आधार पर प्रस्तुत करें।
- NOTTO वेब पोर्टल पर नियमित रूप से डाटा को ऑनलाइन अपडेट करना और प्रत्यारोपण प्रक्रिया के 48 घंटों के भीतर जीवित प्रत्यारोपण के दाताओं एवं प्राप्तकर्ताओं दोनों को राष्ट्रीय प्रत्यारोपण रजिस्ट्री में पंजीकृत करना अनिवार्य था।
- राष्ट्रीय प्रत्यारोपण रजिस्ट्री : मानव अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम (THOTA), 1994 की धारा 13D के प्रावधानों के अंतर्गत NOTTO को राष्ट्रीय प्रत्यारोपण रजिस्ट्री की स्थापना एवं रखरखाव की वैधानिक जिम्मेदारी सौंपी गई है।
- यह रजिस्ट्री अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण गतिविधियों की निगरानी करने, पारदर्शिता सुनिश्चित करने, समान अंग आवंटन की सुविधा प्रदान करने और देश में अंग व ऊतक दान को बढ़ाने के लिए नीति-निर्माण का समर्थन करने के लिए आवश्यक है।
- विदेशियों को प्राथमिकता : कुछ रिपोर्ट में भारतीय रोगियों की अनदेखी कर विदेशी नागरिकों को अंग प्रत्यारोपित करने के आरोप लगे हैं।
- इन आरोपों के बाद अंग प्रत्यारोपण के नियम कठोर कर दिए गए थे।
- स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इन संशोधित दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करने के लिए विभिन्न परिपत्र जारी किए गए।
मानव अंग प्रत्यारोपण (संशोधन) अधिनियम, 2011 के बारे में
- इसमें अंगों के साथ-साथ ऊतकों को भी शामिल किया गया है।
- इसमें निकट संबंधी की परिभाषा का विस्तार किया गया है जिसमें पोते-पोतियों, दादा-दादी को भी शामिल किया गया है।
- स्वैप दान का प्रावधान शामिल किया गया है।
- ICU में भर्ती संभावित दाताओं के परिचारकों से अनिवार्य पूछताछ करने और उन्हें दान करने के विकल्प के बारे में सूचित करने का प्रावधान है।
- इस अधिनियम के तहत पंजीकृत सभी अस्पतालों में अनिवार्य ‘प्रत्यारोपण समन्वयक’ का प्रावधान है।
- कमजोर एवं गरीबों की रक्षा के लिए अंगों के व्यापार के लिए उच्च दंड का प्रावधान किया गया है।
- मस्तिष्क मृत्यु प्रमाणन बोर्ड के गठन को सरल बनाया गया है।
- उपयुक्त प्राधिकारी की सहायता और सलाह देने के लिए सलाहकार समिति का प्रावधान है।
- अधिनियम में नाबालिगों एवं विदेशी नागरिकों के मामले में अधिक सावधानी बरतने तथा मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों से अंगदान पर रोक लगाने का प्रावधान किया गया है।
- संशोधन अधिनियम के अनुसरण में मानव अंगों एवं ऊतकों के प्रत्यारोपण नियम, 2014 को अधिसूचित किया गया है।
इसे भी जानिए!
राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) के बारे में
- परिचय : यह स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत स्थापित एक राष्ट्रीय स्तर का संगठन है।
- स्थित : सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली
- इसके निम्नलिखित दो प्रभाग हैं-
- राष्ट्रीय मानव अंग एवं ऊतक निष्कासन व भंडारण नेटवर्क
- मानव अंग प्रत्यारोपण (संशोधन) अधिनियम, 2011 के अनुसार इसे अनिवार्य बनाया गया है।
- नेटवर्क की स्थापना शुरूआत में दिल्ली के लिए की गयी थी, जिसे अब देश के अन्य राज्यों व क्षेत्रों में विस्तारित किया जा रहा है।
- राष्ट्रीय जैव पदार्थ केंद्र
- जैव पदार्थ की खरीद, भंडारण एवं वितरण गतिविधियों सहित ऊतक प्रत्यारोपण की माँगों को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय स्तर के ऊतक बैंक की स्थापना करना अनिवार्य किया गया है।
- इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य ऊतकों की ‘माँग’ एवं ‘आपूर्ति’ के बीच के अंतर को कम करना तथा विभिन्न ऊतकों की उपलब्धता में ‘गुणवत्ता आश्वासन’ सुनिश्चित करना है।
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