प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, BRI मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर- 2 |
संदर्भ-
- 7 दिसंबर, 2023 को इटली की सरकार ने आधिकारिक तौर पर चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) प्रोजेक्ट से बाहर निकलने की घोषणा कर दी है।
मुख्य बिंदु-
- प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी प्रशासन ने चीन को जानकारी दी है कि इटली वर्ष, 2023 के समाप्त होने से पहले ही BRI प्रोजेक्ट से बाहर निकल जाएगा।
- BRI प्रोजेक्ट पर वर्ष, 2019 में हस्ताक्षर करने वाला इटली एकमात्र पश्चिमी देश था।
- इटली का यह फ़ैसला यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अहम बैठक से पहले आया है।
इटली का BRI में शामिल होना-
- वर्ष, 2018 में इटली की वित्त मंत्री जियोवानी ट्रिया के चीन दौरे के बाद इटली ने इसमें शामिल होने का फ़ैसला किया था।
- वर्ष, 2019 में इटली के तत्कालीन प्रधानमंत्री ग्यूसेप कोंटे ने चीन के साथ BRI समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
- समझौता मार्च, 2024 में ख़त्म हो कर ऑटो-रीन्यू होना था, लेकिन यदि कोई पक्ष अलग होना चाहता है तो उसे तीन महीने पहले दूसरे पक्ष को सूचित करना था. इटली ने प्रोजेक्ट से अलग होने की जानकारी चीन को दे दी है।
- BRI प्रोजेक्ट में इटली के शामिल होने के फ़ैसले को प्रधानमंत्री मेलोनी ने पूर्व की सरकार की एक गंभीर ग़लती बताई थी।
- मेलोनी सरकार ने इस बात का संकेत दिया कि वह BRI से क़दम पीछे खींचने के बावजूद चीन के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहती हैं।
इटली का चीन से आयात बढ़ा-
- BRI के तहत चीन ने इटली के अंदर 20 अरब यूरो का एक प्रोजेक्ट शुरू किया था, हालांकि उस प्रोजेक्ट का एक छोटा सा हिस्सा ही अभी पूरा हुआ है।
- वर्ष, 2022 में इटली ने चीन को 16.4 अरब यूरो का निर्यात भेजा था, वहीं वर्ष, 2019 में यह निर्यात 13 अरब यूरो का था।
- इसके विपरीत चीन का निर्यात इस बीच 31.7 अरब यूरो से बढ़कर 57.3 अरब यूरो हो गया है।
- यूरोपीय यूनियन की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं फ्रांस और जर्मनी, BRI का सदस्य न होने के बावजूद चीन के साथ कहीं ज्यादा बड़े पैमाने पर व्यापार करती हैं।
- वर्ष, 2022 में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद मेलोनी ने अपने पूर्ववर्ती पीएम की तुलना में अधिक पश्चिम और नाटो समर्थक विदेश नीति की समर्थक रहीं हैं।
भारत के लिए सकारात्मक-
- इटली का BRI से अलग होना भारत के लिए एक सकारात्मक ख़बर के रूप में देखा जा रहा है।
- भारत हमेशा से BRI के विरोध में रहा है।
- पाकिस्तान भी इस परियोजना में शामिल है।
- चाइना पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर यानी सीपीईसी बीआरआई का ही हिस्सा है।
- सीपीईसी के तहत कई निर्माण पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में भी हुए हैं।
- भारत इसका विरोध करता है और कहता है कि यह उसकी संप्रभुता का उल्लंघन है।
- ऐसे में इटली का BRI से अलग होना भारत के लिए राहत से कम नहीं है।
- ‘भारत-मध्य पूर्व- यूरोप कॉरिडोर’ को चीन की BRI के जवाब में देखा जा रहा है. सितंबर,2023 में नई दिल्ली में हुए जी-20 समिट में इस परियोजना की नींव रखी गई थी।
- इसमें भारत, इजराइल, सऊदी अरब, यूएई और जॉर्डन शामिल हैं।
- इजराइल और हमास के बीच छिड़े युद्ध के कारण भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
- इससे पहले अर्जेंटीना ने ब्रिक्स में शामिल होने के फ़ैसले से पीछे हटने का निर्णय किया था।
- ब्रिक्स को ब्रिक्स प्लस में विस्तार देने के तहत अर्जेंटीना को भी इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था।
- अर्जेंटीना के इस फ़ैसले को भी चीन के ख़िलाफ़ देखा गया।
बेल्ट एंड रोड परियोजना-
- BRI प्रोजेक्ट की अवधारणा ऐतिहासिक सिल्क रूट को पुनर्जीवित करने की कल्पना पर आधारित है।
- इस प्रोजेक्ट के जरिए चीन, यूरोप और दूसरे देशों से जुड़ना चाहता है।
- ईसा पूर्व 130 से लेकर 1453 ए. डी. तक यानी क़रीब 1,500 सालों तक पूर्वी एशिया और यूरोप के देशों से व्यापारी इन्हीं रास्तों से व्यापार करते थे।
- सिल्क रूट कोई एक सड़क या रास्ता नहीं था, बल्कि ये रास्तों का एक नेटवर्क था जिसके ज़रिए न केवल व्यापार होता था बल्कि संस्कृति का आदान-प्रदान भी होता था।
- वर्ष, 2013 में इसी अवधारणा को हकीकत में बदलने के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बेल्ट एंड रोड परियोजना की शुरुआत की।
- इस परियोजना के तहत चीन पूरी दुनिया में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निवेश करता है, जिनके जरिए सामान ले जाना और लाना आसान हो जाए।
- यह महत्वाकांक्षी परियोजना चीन का हथियार है, जिसके ज़रिए वह भू- राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
- चीन का उद्देश्य BRI के जरिए पूरे एशिया और यूरोप में करीब एक ट्रिलियन डॉलर का निवेश करना है।
- चीन ने BRI की परियोजनाओं से लगभग 100 से ज्यादा देशों को जोड़ लिया है।
- दुनिया भर में BRI की लगभग 2600 परियोजनाएं चल रही हैं।
- इस परियोजना के तहत जिन देशों ने चीन से समझौता कर लिया है, उनमें वह 770 अरब डॉलर से ज़्यादा निवेश कर चुका है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- हाल ही में किस देश ने चीन के बेल्ट एंड रोड परियोजना से बाहर निकलने का फैसला लिया है?
(a) ऑस्ट्रेलिया
(b) इटली
(c) कनाडा
(d) स्विटजरलैंड
उत्तर- (b)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- इटली का चीन के बेल्ट एंड रोड परियोजना से अलग होना भारत के लिए क्यों एक सकारात्मक ख़बर के रूप में देखा जा रहा है? मूल्यांकन कीजिए।
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स्रोत- BBC